उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होने में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। इसे सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए परिवहन विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की है। अब तक केवल श्रद्धालुओं के व्यावसायिक वाहनों के लिए ही ग्रीन-कार्ड बनवाने की अनिवार्यता थी। हालांकि अब गढ़वाल मंडल में आने वाले पर्यटकों के वाहनों को भी ग्रीन-कार्ड बनवाना होगा। ट्रैकिंग, कैंपिंग या अन्य साहसिक पर्यटन के लिए काणाताल, केदारकांठा, चोपता, पंवालीकांठा, देवरिया ताल, हर्षिल, सतोपंथ व फूलों की घाटी जैसे पर्यटकस्थल आने वाले पर्यटकों के वाहनों को भी परिवहन विभाग से ग्रीन-कार्ड लेना होगा। चारधाम यात्रा पर जाने वाले व्यावसायिक वाहनों के लिए परिवहन विभाग के समस्त कार्यालयों में दो अप्रैल से ग्रीन कार्ड बनने शुरू हो जाएंगे। इसके लिए वाहनों को फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा। यह टेस्ट पास करने के बाद ही व्यावसायिक वाहनों को ग्रीन कार्ड मिलेगा।
सभी परीक्षणों पर खरा उतरने के बाद व्यावसायिक वाहन स्वामी को greencard.uk.gov.in वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर ग्रीन कार्ड प्रदान कर दिया जाता है। इस कार्ड के बाद प्रत्येक ट्रिप के लिए वाहन स्वामी को ट्रिप कार्ड लेना होता है। ट्रिप कार्ड में यात्रियों के नाम-पते, मोबाइल नंबर, चालक का नाम-पता व यात्रा की तिथि आदि की पूरी जानकारी होती है। छोटी कमर्शियल गाड़ियों के लिए ग्रीन कार्ड शुल्क ₹400 और बड़ी गाड़ियों के लिए ₹600 निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त, सभी वाहनों को ₹50 का यूजर चार्ज भी देना होगा। परिवहन विभाग ने यह नियम इसलिए लागू किया है ताकि चारधाम यात्रा में केवल फिट और सुरक्षित वाहन ही शामिल हों। कई बार देखा गया है कि अनफिट वाहन यात्रा पर निकलते हैं, जिससे दुर्घटनाएं होती हैं और यात्रियों की जान को खतरा होता है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ग्रीन कार्ड प्रणाली लागू की गई है।