Sat. Nov 23rd, 2024

हर घर नल से जल पहुंचाने में यूपी और झारखंड से आगे उत्तराखंड, जल जीवन सर्वेक्षण के आंकड़े जारी |

हर घर नल से जल पहुंचाने में यूपी और झारखंड से आगे उत्तराखंड, जल जीवन सर्वेक्षण के आंकड़े जारी |

हर घर नल से जल पहुंचाने में यूपी और झारखंड से आगे उत्तराखंड, जल जीवन सर्वेक्षण के आंकड़े जारी |

हर घर नल से जल पहुंचाने में यूपी और झारखंड से आगे उत्तराखंड, जल जीवन सर्वेक्षण के आंकड़े जारी |

जल जीवन मिशन के कार्यों में तेजी से प्रगति हो रही है। उत्तराखंड का प्रदर्शन राष्ट्रीय स्तर पर लगातार तीसरे महीने सुधरा है। इस बार उत्तराखंड जहां 50 से 75 प्रतिशत श्रेणी में आठवीं रैंक पर है तो उत्तर प्रदेश 25 से 50 प्रतिशत श्रेणी में तीसरे स्थान पर है।

जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से जल पहुंचाने के मामले में उत्तराखंड की रैंकिंग, यूपी और झारखंड से भी ऊपर है। जल शक्ति मंत्रालय ने जल जीवन सर्वेक्षण के दिसंबर के आंकड़े जारी किए हैं, जिसमें अब प्रदेश का एक भी जिला 50 प्रतिशत से नीचे नहीं रहा है।

जल शक्ति मंत्रालय ने जल जीवन मिशन के कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए जल सर्वेक्षण की शुरुआत की थी। उत्तराखंड का प्रदर्शन राष्ट्रीय स्तर पर लगातार तीसरे महीने सुधरा है। इस बार उत्तराखंड जहां 50 से 75 प्रतिशत श्रेणी में आठवीं रैंक पर है तो उत्तर प्रदेश 25 से 50 प्रतिशत श्रेणी में तीसरे स्थान पर है।

झारखंड इस श्रेणी में पांचवें स्थान पर है। हालांकि शीर्ष पर हरियाणा काबिज है। वहीं, जिलों के हिसाब से देखें तो अब प्रदेश के सभी जिले 50 प्रतिशत से ऊपर की श्रेणियों में आ चुके हैं। सात जिले ऐसे हैं जो कि 50 से 75 प्रतिशत की श्रेणी में हैं जबकि छह जिले 75 से 100 प्रतिशत की श्रेणी में हैं।

पेयजल निगम के एमडी उदयराज सिंह का कहना है कि निश्चित तौर पर उत्तराखंड की रैंकिंग में बड़ा सुधार अच्छा संकेत है। मिशन के कार्यों में तेजी से प्रगति हो रही है।

ऐसे होती है रैंकिंग
जल सर्वेक्षण में चार रैंक में नंबर दिए गए हैं। पहली फ्रंट रनर श्रेणी है, जिसमें वे जिले शामिल हैं, जिनमें जल जीवन मिशन के लक्ष्य के सापेक्ष 100 प्रतिशत काम हुए हैं। दूसरी हाई अचीवर श्रेणी में वे जिले शामिल हैं, जिनमें 75-100 प्रतिशत काम हुए हैं। तीसरी अचीवर्स श्रेणी में वे जिले शामिल हैं, जिनमें 50-75 प्रतिशत काम हुए हैं। चौथी परफॉमर्स श्रेणी में वे जिले शामिल हैं, जिनमें अक्तूबर के लक्ष्य के सापेक्ष 25-50 प्रतिशत काम हुए हैं। पांचवीं एस्पाइरेंट्स श्रेणी में वे जिले शामिल हैं, जिनमें केवल 0-25 प्रतिशत काम हुए हैं।

उत्तराँचल क्राईम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |

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