उत्तराखंड : राजधानी में 17 चौकी व चार थानों की और जरूरत, जनसंख्या दबाव बढ़ने से आईएसबीटी को थाना बनाने पर विचार
बढ़ती जनसंख्या के मद्देनजर देहरादून जिले में नए थाने और चौकियां खोलने की जरूरत महसूस होने लगी है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 17 चौकियों और चार नए थानों का प्रस्ताव जिला पुलिस ने मुख्यालय को भेजा है। इसमें बालावाला थाने का पुराना प्रस्ताव भी शामिल है, जिसे सैद्धांतिक मंजूरी तो मिल गई थी। लेकिन अभी इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।
दरअसल, राजधानी बनने के बाद जिले में नेहरू कॉलोनी, वसंत विहार, प्रेमनगर, सेलाकुई और त्यूणी नए थाने खुले हैं। थाना क्षेत्रों में नई चौकियों का भी सृजन हुआ है। वर्तमान में जिले की जनसंख्या बढ़ने से भी इन थाना-चौकियों पर बोझ अधिक हो गया है। नए आबादी क्षेत्र बन गए, जिससे लोगों की पहुंच से पुराने थाने-चौकियां दूर होने लगे हैं।
ऐसे में कई बार कानून व्यवस्था को बनाए रखने में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। अब एक बार फिर से नए थाने-चौकियों के सृजन की जरूरत महसूस होने लगी है। जिला पुलिस ने इसके लिए सर्वे कर अपनी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेज दी है।
आईएसबीटी-पटेलनगर क्षेत्र में जनसंख्या और नए आबादी क्षेत्र बढ़ने के कारण यह इस थाने का प्रस्ताव कई बार भेजा जा चुका है। अब फिर से प्रस्ताव भेजा गया है।
आईटी पार्क-फिलहाल आईटी पार्क राजपुर थाने की चौकी है। इसका प्रस्ताव भी पहले भेजा गया था। कारण-अत्यधिक जनसंख्या और बड़ा क्षेत्र है।
बालावाला-बालावाला चौकी रायपुर थाने की है। अंकित थपलियाल हत्याकांड के बाद 2014 में इसका सृजन हुआ है। इसके बाद यहां जनसंख्या अधिक हो गई। थाना डोईवाला और रायपुर थाना इस क्षेत्र से बेहद दूर है। लिहाजा, इसमें हर्रावाला चौकी, बालावाला चौकी और नेहरू कॉलोनी थाने का कुछ भाग शामिल किया जाना है।
थाना लाखामंडल-वर्तमान में यह चकराता थाने की चौकी लाखामंडल है। लेकिन, थाने से 65 किलोमीटर की दूरी होने के कारण इसे थाना बनाए जाने का प्रस्ताव भेजा गया है।
अजय सिंह, एसएसपी देहरादून का कहना है कि जनसंख्या बढ़ने और विभिन्न समस्याओं को देखते हुए नए थाने चौकियों के लिए सर्वे किया गया था। इसके बाद नए थाने और चौकियों के सृजन के लिए प्रस्ताव भेजे गए हैं। ताकि, भविष्य में जिले की कानून व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ की जा सके।
उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट |