Fri. Nov 22nd, 2024

विदेश मंत्री व्यापक स्तर पर सभी पक्षों से कर रहे हैं संवाद |

विदेश मंत्री व्यापक स्तर पर सभी पक्षों से कर रहे हैं संवाद |

विदेश मंत्री व्यापक स्तर पर सभी पक्षों से कर रहे हैं संवाद |

विदेश मंत्री व्यापक स्तर पर सभी पक्षों से कर रहे हैं संवाद |

भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने रविवार को यूक्रेन संकट से उपजे मानवीय संकट पर मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत के पास वो सारी वजह हैं, जिनसे यूक्रेन संघर्ष के समाधान में अपना योगदान दे. श्रृंगला ने कहा कि भारत दोनों पक्षों के बीच संवाद में भरोसा करता है.

भारतीय विदेश सचिव ने मीडिया के सवालों पर कहा, ”हम सभी पक्षों से संपर्क में हैं. हमारे प्रधानमंत्री ने रूस और यूक्रेन दोनों के राष्ट्रपतियों से बात की है. विदेश मंत्री बहुत ही व्यापक स्तर पर सभी पक्षों से संवाद कर रहे हैं. हमवह देश हैं, जिसका हित सीधा इस क्षेत्र से जुड़ा है. इस इलाक़े में हमारे दोस्त हैं.”

रविवार को भारत ने पहली बार कहा है कि अंतरराष्ट्रीय नियमों, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का पालन होना चाहिए. यह बात संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने यूएन की आम सभा बुलाने को लेकर यूएन सुरक्षा परिषद की हुई बैठक में वोटिंग से बाहर रहने के फ़ैसले को सही ठहराते हुए कही है.

सोमवार को संयुक्त राष्ट्र आम सभा बुलाई गई है और इसमें रूस के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पास करने की तैयारी है. अमेरिका और यूरोप के देश रूस के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पास करने के लिए प्रतिबद्ध दिख रहे हैं.

अमेरिका और यूरोप के देशों को उम्मीद है कि 193 सदस्यों वाली संयुक्त राष्ट्र आम सभा में बड़े बहुमत से रूस के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पास होगा. कहा जा रहा है कि यूएनजीए में रूस के ख़िलाफ़ प्रस्ताव 8979 पर 80 से ज़्यादा देश पहले से ही सहमत हैं. बाक़ियों को अमेरिका फ़ोन कॉल के ज़रिए सहमत कराने में लगा है.

यूक्रेन संकट से जो वैश्विक परिस्थिति बन रही है, वह भारत के लिए ये संकट एक दुविधा की तरह है. ऐतिहासिक रूप से भारत यूक्रेन के मामले में रूस के साथ रहा है, लेकिन अब स्थिति 2014 से अलग है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने संयुक्त राष्ट्र की आम सभा बुलाने का फ़ैसला किया है. इसमें यूक्रेन पर रूस के हमले के ख़िलाफ़ एक प्रस्ताव पास किया जा सकता है.
पिछले हफ़्ते शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस ने वीटो कर अपने ख़िलाफ़ प्रस्ताव पास होने से रोक दिया था. प्रस्ताव में रूस की निंदा की गई थी और यूक्रेन से बिना शर्त सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहा गया था.

रविवार को एक बार फिर से भारत, यूएई और चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन पर रूसी हमले के ख़िलाफ़ संयुक्त राष्ट्र की आम सभा बुलाने के लिए हुई वोटिंग से बाहर रहे. भारत और यूएई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य हैं.

इससे पहले पिछले हफ़्ते शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पर हुई वोटिंग से तीनों देश बाहर रहे थे. भारत अब तक रूस की आलोचना करने वाले प्रस्तावों पर हुई वोटिंग से बाहर रहा है लेकिन भारत ने जो स्पष्टीकरण दिया है,उससे लगता है कि हाल के दिनों में यूक्रेन पर रूस की कार्रवाई से भारत भी असहज है.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा है, ”वैश्विक व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय नियमों, यूएन चार्टर और सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता के साथ संप्रभुता पर टिकी है. हम सभी इस सिद्धांत से सहमत हैं.”

उत्तराँचल क्राइम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |

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