1.शहरी विकास निदेशालय में PMU के गठन को कैबिनेट ने दी मंजूरी।
15 वें वित्त आयोग के तहत राज्य स्तर पर स्थानीय निकायों में लोक स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न नीतियों को लागू करने, उनका पर्यवेक्षण किये जाने के उद्देश्य से निदेशक, शहरी विकास निदेशालय, उत्तराखण्ड के अन्तर्गत Public Health PMU (पी०एम०यू०) का गठन किए जाने को कैबिनेट ने दी मंजूरी। पी०एम०यू० के कार्यों के लिए एक वरिष्ठ चिकित्साधिकारी, एक वित्त नियंत्रक, एक एम०आई०एस० एक्सपर्ट तथा एक सहायक लेखाकार के पदों का सृजन प्रस्तावित है।इस पीएमयू का मुख्य उद्देश्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यों का पर्यवेक्षण करने, केंद्रीय वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत लोक स्वास्थ्य हेतु प्राप्त धनराशि की मॉनिटरिंग करना, नागरिक स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित मानव संसाधन उपलब्ध कराए जाना एवं उचित प्रशिक्षण देना, शहरी निकाय के अंतर्गत विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं का पर्यवेक्षण करना।2.उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली, 2025 में संशोधन किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।
टेंडर की व्यवस्था में बीड सिक्योरिटी के रूप में बैंक गारंटी एवं एफडीआर लिए जाने की व्यवस्था थी। अब इस बीड सिक्योरिटी के लिए भारत सरकार के निर्देशानुसार इंश्योरेंस सिक्योरिटी बॉन्ड को भी लिया जा सकेगा। जिसपर कैबिनेट ने अपनी मंजूरी प्रदान की है।3.वित्त विभाग के अंतर्गत उत्तराखण्ड बजट, राजकोषीय नियोजन एवं संसाधन निदेशालय के विभागीय ढांचे में आउटसोर्स के आधार पर वाहन चालक के 1 अतिरिक्त पद सृजन को कैबिनेट ने दी मंजूरी।
4.उत्तराखण्ड कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा विभाग के अंतर्गत सूचना प्रौद्योगिकी विंग के गठन हेतु पदों सृजन को कैबिनेट ने दी मंजूरी। कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा विभाग के अंतर्गत दो सहायक कंप्यूटर ऑपरेटर एवं दो सहायक कंप्यूटर ऑपरेटर एवं दो कंप्यूटर प्रोग्रामर के पद सृजन को कैबिनेट ने प्रदान की मंजूरी।5 दैनिक वेतन, कार्यप्रभारित, संविदा, नियत वेतन, अंशकालिक तथा तदर्थ रूप में नियुक्त कार्मिकों का विनियमितीकरण के लिए मा० उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड द्वारा पारित आदेश का अनुपालन करने एवं भविष्य के लिए कट ऑफ के संबंध में विचार करने के लिए मंत्रिमंडल की समिति का गठन करने का निर्णय लिया गया।6.पिछले दिनों प्रदेश में धराली एवं अन्य क्षेत्रों में आई आपदा से हुए नुकसान के लिए दी जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाए जाने का मंत्री मंडल ने निर्णय लिया है। कैबिनेट ने आपदा में मृतक व्यक्तियों के लिए दी जाने वाली सहायता राशि को 4 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही आपदा से क्षतिग्रस्त पक्के आवासीय मकानों के लिए भी 5 लाख की सहायता राशि देने का निर्णय लिया गया है। जबकि कच्चे मकानों के लिए आपदा मद से निर्धारित सहायता राशि के अलावा मुख्यमंत्री राहत कोष से 1 लाख की अतिरिक्त धनराशि दिए जाने का निर्णय लिया गया है। आपदा की उक्त घटनाओं में व्यावसायिक भवनों को हुई क्षति के मामलों में केस टू केस विचार कर सहायता राशि दिए जाने का मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया।7.केन्द्रपोषित बागवानी मिशन योजनान्तर्गत केन्द्रांश के रूप में प्राप्त अनुदान सहायता (40 प्रतिशत) की धनराशि का भुगतान, राज्य सेक्टर के अंतर्गत संचालित “मधुग्राम योजना” से किये जाने के संबंध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में लम्बित धनराशि ₹ 29.40 लाख का भुगतान आपूर्तिकर्ता फर्मों को राज्य सेक्टर के अंतर्गत संचालित “मधुग्राम योजना” हेतु वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्राविधानित धनराशि से किया जाना प्रस्तावित है।8.उत्तराखण्ड राज्य में निवासरत परिवार पहचान हेतु “देवभूमि परिवार योजना’ को लागू किये जाने हेतु कैबिनेट ने प्रदान की सैद्धान्तिक सहमति।
“देवभूमि परिवार योजना” के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य में निवासरत परिवारों की पहचान, परिवार आई०डी० बनाने के साथ-साथ राज्य में लागू महत्वपूर्ण एवं जनोपयोगी विभिन्न योजनाओं को लाभार्थी परिवार की आई०डी० से एकीकृत करते हुये उन योजनाओं का उन्हें सीधा व समुचित लाभ प्रदान किया जाना “देवभूमि परिवार योजना’ का उद्देश्य है।