Saturday, March 15News That Matters

Author: ucnnews

“पागल फ़क़ीरा” की एक ग़ज़ल  … मैंने घर वापसी का कभी ऐसा मंज़र नहीं देखा…

“पागल फ़क़ीरा” की एक ग़ज़ल … मैंने घर वापसी का कभी ऐसा मंज़र नहीं देखा…

राष्ट्रीय
"पागल फ़क़ीरा" भावनगर, गुजरात ------------------------------- मैंने घर वापसी का कभी ऐसा मंज़र नहीं देखा, दिल में गड़ा है जो वो यादों का खंडहर नहीं देखा। हिजरत करने वालों के ऊपरी ज़ख़्म देखने वालों, आपने कभी राहगीरों के घाव के अंदर नहीं देखा। इतनी मुश्किल हालातों के बीच भी हिन्दुस्तान में, कभी इन्सानियत की ज़मीन को बंजर नहीं देखा। मजबूर है पर मग़रूर नहीं देखा मज़दूर को कभी, ग़रीबी में भी उनकी आँखों में समन्दर नहीं देखा। मुझे तो आश थी सिर्फ़ अपने ही एक वफ़ादार की, "फ़क़ीरा" ने आस्तीन में छुपा वो खंज़र नहीं देखा।...
“पागल फ़क़ीरा” की एक ग़ज़ल    … मेरी फ़ज़र को तेरा इंतज़ार आज भी है…

“पागल फ़क़ीरा” की एक ग़ज़ल … मेरी फ़ज़र को तेरा इंतज़ार आज भी है…

राष्ट्रीय
"पागल फ़क़ीरा" भावनगर, गुजरात --------------------------------   मेरी फ़ज़र को तेरा इंतज़ार आज भी है, वहाँ हो तुम यहाँ पे हम बेक़रार आज भी है। मेरी फ़ज़र को तेरा.......... वो शोखियाँ वो अदायें के तुम दिखे थे वहाँ, तेरी अदा का वहीं पर निग़ार आज भी है। मेरी फ़ज़र को तेरा.......... न चाहे सोच के क्यों तुमको ये हुआ अरमान, फ़िर मेरे तन पे चली तलवार आज भी है। मेरी फ़ज़र को तेरा.......... ओ यार तेरे लिये हमने तोड़ दी बेड़ियाँ, जफ़ा की बात पे पागल वो यार आज भी है। मेरी फ़ज़र को तेरा.......... हटी नहीं है नज़र नाज़ वो ये करता है, मेरे कलाम से शायद अग़्यार आज भी है। मेरी फ़ज़र को तेरा.......... न पूछ किसने सोहबत में नज़्म गाये है, कि तुमको छोड़ के हम सोग़वार आज भी है। मेरी फ़ज़र को तेरा.......... फ़क़ीरा ये ज़िन्दगी हमको न रास आई है, लगाने गले हम मौत को तैयार आज भी है। मेरी फ़ज़र को ...

चलो चले गांव की ओर… आठवीं किश्त… गुरु जी थोड़ा और कुटाई-पिटाई करते तो मैं ज्वाइंट डायरेक्टर नहीं डायरेक्टर बनता

राष्ट्रीय
नीरज नैथानी रुड़की, उत्तराखंड चलो चले गांव की ओर..... गतांक से आगे... आठवीं किश्त भुळा वो भी क्या दिन थे गांव में, गरीबी तो थी पर रिश्तों की अमीरी भी थी। हम सभी मिलजुलकर रहते थे। खेलना, कूदना, लफंडरी, लड़ाई झगड़ सब होता था पर प्यार मुहब्बत में भी कोई कमी न थी। तू तो मुझसे दो क्लास पीछे था बोडा ने मन्ना से मुखातिब होकर कहा। अब्बे छठी सातवीं तक हम साथ पढ़े हैं तू भूल गया रे, मैं एक बार सातवीं में लुढ़क गया तू आगे बढ़ गया, फिर दूसरी बार मैं दसवीं मे भी फेल हुआ तब तू दो क्लास आगे हो गया मन्ना ने बचपन के पन्ने पलटते हुए कहा। क्या दिन थे यार गुरु जी के लिए लौकी ले जाना, हरी सब्जी ले जाना, कभी-कभी मां घी का डिब्बा भी देती भूरा ने तीसरे पैग को दम्म से हलक में उतारते हुए यादों का सीन खींचा। वो दाणि गुरु जी तो अब क्या ही बचे होंगे, जब हम ही इतना बूढ़े हो गये हैं, बोडा ने सेब की फां...
राष्ट्रीय पत्रिका लोक गंगा के मध्य हिमालय की जनजातियों पर केंद्रित विशेषांक का लोकार्पण

राष्ट्रीय पत्रिका लोक गंगा के मध्य हिमालय की जनजातियों पर केंद्रित विशेषांक का लोकार्पण

राष्ट्रीय
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। राष्ट्रीय पत्रिका लोक गंगा के मध्य हिमालय की जनजातियों पर केंद्रित विशेषांक का लोकार्पण रविवार को वरिष्ठ साहित्यकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र, पूर्व उच्च शिक्षा निदेशक डॉ सविता मोहन, पुव उप शिक्षा निदेशक कमला पंता और वरिष्ठ कथाकार जितेन ठाकुर ने किया। बी-6 प्रीतम रोड पर आयोजित कार्यक्रम में 'हिमालय के कैनवास पर जनजातियां' विषय पर परिचर्चा भी हुई। में शहर के प्रबुद्ध साहित्यकारों द्वारा प्रतिभाग किया गया। परिचर्चा में लोकगंगा के सम्पादक व गीतकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र ने कहा कि किसी भी जनजाति का विकास उसकी अस्मिता को नष्ट कर नहीं होना चाहिए। उसके विकास में उसकी सांस्कृतिक पहचान का सम्मान और संरक्षण आवश्यक है। सरकार की नीति इसके विपरीत है, जो घातक है। भारत की पहचान बनाने में जनजातियों की हजारों साल लंबी परंपराओं का विशेष योगदान है। रामायण और महाभारत जैसे ...
आंचलिकता को मजबूत करना ही श्रीदेव सुमन को सच्ची श्रद्धांजलि: बीर सिंह

आंचलिकता को मजबूत करना ही श्रीदेव सुमन को सच्ची श्रद्धांजलि: बीर सिंह

राष्ट्रीय
-अमर शहीद श्रीदेव सुमन के बलिदान दिवस पर टिहरी बांध विस्थापितो ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर पहाड़ के पहाड़ से प्रश्नों पर भी विमर्श किया गया। शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। अमर शहीद श्रीदेव सुमन के बलिदान दिवस पर टिहरी मूल विस्थापित संघर्ष समिति की ओर से सामुदायिक केंद्र टी एस्टेट बंजारावाला देहरादून में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। अमर शहीद श्रीदेव सुमन को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ ही पहाड़ की समस्याओं पर विमर्श किया गया। पहाड़ी प्रजा मंडल के अध्यक्ष बीर सिंह पवार ने कहा कि बलिदानी श्रीदेव सुमन को सच्ची श्रद्धांजलि होगी कि हम अपनी आंचलिकता को मजबूत करें। अपनी बोली, भाषा, सिनेमा व संस्कृति को निरंतर मजबूत करें। दूसरे शहरों में जाकर नौकरी करने के बजाय उत्तराखंड में ही रहकर स्वरोजगार को प्राथमिकता दें। समिति अध्यक्ष राजेंद्र सिंह असवाल ने श्रीदे...
शहरी विकास विभाग ने जारी किए आउटसोर्स सफाई कर्मचारियों की बर्खास्तगी के आदेश

शहरी विकास विभाग ने जारी किए आउटसोर्स सफाई कर्मचारियों की बर्खास्तगी के आदेश

उत्तराखण्ड
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। शहरी विकास विभाग ने विभिन्न नगर निकायों में जारी सफाई कर्मियों की हड़ताल पर सख्त रुख अख्तियार किया है। विभाग ने सभी नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायतों को आदेश जारी कर दिए हैं कि काम पर न आने वाले कर्मचारियों का तत्काल प्रभाव से वेतन रोक दिया जाए। साथ ही आउटसोर्स से तैनात कर्मचारियों की संबंधित एजेंसी के माध्यम से सेवा समाप्त कर दी जाए। निदेशक विनोद कुमार सुमन के आज जारी आदेश के अनुसार सफाई कर्मचारियों की मांगों पर तीन बार वार्ता हो चुकी है, सभी मांगों पर कार्रवाई चल रही है, इसके बाद भी हड़ताल को समाप्त न किया जाना उचित नहीं है। काम पर न लौटने वाले नियमित, संविदा, मोहल्ला स्वच्छता समिति, आउटसोर्स कर्मचारियों पर नो वर्क नो पे का नियम लागू करना जरूरी हो गया है। नियमित व निकाय की व्यवस्था पर कार्यरत कर्मचारियों का वेतन जारी न किया जाए और आउटसोर्स से...
सड़कों के घटिया निर्माण पर लोनिवि मंत्री ने दिए जांच के आदेश

सड़कों के घटिया निर्माण पर लोनिवि मंत्री ने दिए जांच के आदेश

उत्तराखण्ड
-कैबिनेट मंत्री व चौबट्टाखाल विधायक सतपाल महाराज ने रविवार को भी अपने विधानसभा क्षेत्र का भ्रमण किया। इस दौरान कई योजनाओं का लोकार्पण करने के साथ ही उन्होंने सड़कों का स्थलीय निरीक्षण भी किया। महाराज ने कहा कि गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने सड़कों के घटिया निर्माण को लेकर जांच के आदेश दिए।  शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। कैबिनेट मंत्री व चौबट्टाखाल विधायक सतपाल महाराज ने रविवार को भी अपने विधानसभा क्षेत्र भ्रमण किया। इस दौरान अनेक योजनाओं का लोकार्पण करने के साथ-साथ सड़कों का स्थलीय निरीक्षण भी किया। उन्होंने मौके पर ही सड़कों के घटिया निर्माण के जांच के आदेश दिए। महाराज ने विकासखंड बीरोंखाल के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में अध्ययनरत बच्चों को बैठने के लिए विधायक निधि से क्रय किए गए फर्नीचर और महिलाओं को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी कित का वितरण किया। उन्होने मैठा...

उत्तराखंड में आज मिले 51 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज, कोई मौत नहीं

उत्तराखण्ड, हेल्थ
-राज्य में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का कुल आंकड़ा 341724 हो गया है। शब्द रथ न्यूज (ब्यूरो) (Shabd Rath News)। उत्तराखंड में आज 51 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। जबकि, कोरोना संक्रमित किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है। वहीं, 24 कोरोना संक्रमित ठीक हुए हैं। राज्य में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का कुल आंकड़ा 341724 हो गया है। उत्तराखंड में (Uttarakhand) वर्तमान में 637 एक्टिव केस (activ case) हैं, इनका इलाज चल रहा है। 7359 लोगों की अब तक संक्रमण से मौत (death) हो चुकी है। जिलावार चिन्हित हुए मरीजों की संख्या इस प्रकार रही देहरादून में 09, अल्मोड़ा 01, बागेश्वर 01, चमोली में 01, चम्पावत में 01, हरिद्वार में 03, नैनीताल में 09, पौड़ी गढ़वाल में 02, पिथौरागढ़ में 09, रुद्रप्रयाग में 04, टिहरी गढ़वाल में 02, ऊधमसिंहनगर 07 और उत्तरकाशी में 02 नए मरीज चिन्हित हुए हैं।...

पुण्यतिथि पर विशेष…कवि वीरेन्द्र डंगवाल “पार्थ” की काव्यांजलि… घनाक्षरी छंद…जन के सुमन तुम्हें शतश नमन

राष्ट्रीय
वीरेन्द्र डंगवाल "पार्थ" देहरादून, उत्तराखंड जन के सुमन तुम्हें शतश नमन जन्मा वीर योद्धा एक, दुख सहे थे अनेक अमर बलिदानी जी, श्रीदेव सुमन है पिता वैध हरिराम, जन्मभूमि जौल ग्राम तेजस्वी मां तारादेवी, शतश वंदन है जनता की पीड़ा सुनी, संघर्षों की राह चुनी मुक्ति अत्याचार से जी, दिलाने का मन है घूम घूम रियासत, लोगों को जाग्रत किया समर्पित कर दिया, जन को यौवन है।। राजशाही अत्याचार, ढोएंगे न लोग अब खत्म होगा टिहरी से, जन का दमन है महकेगा सुख के जी, कुसुमों से राज्य सारा सुखी समृद्ध जनता, सुमन सपन है क्रांति ज्वाला उठी जब, महल में हलचल देखो जननायक को, आ गया समन है कारिदों ने राजा के तो, डाल दिया का कारावास पड़ी हथकड़ी सेर, पैंतीस वजन है।। झुका नहीं वीर योद्धा, कारा की प्रताड़ना से विचारों में आज तक, गजब तपन है अधिकार जन को दो, चाहे मेरी जान ले लो अन्न जल त्याग...
हरीश कण्डवाल ‘मनखी’ की कहानी… पैतृक भूमि का सौदा

हरीश कण्डवाल ‘मनखी’ की कहानी… पैतृक भूमि का सौदा

राष्ट्रीय
हरीश कण्डवाल 'मनखी' पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड -------------------------------------------------------------- पैतृक भूमि का सौदा ( कहानी)  रमन के पिताजी बचपन में ही अपने चाचा जी के साथ मुंबई आ गये थे, उसके बाद वह मुबई के होकर रह गये। रमन ने जब भी गॉव जाने की बात कही तो उसके पिताजी हमेशा यह कहकर टाल देते कि वहॉ तो जंगली जानवर रहते हैं, साथ ही वहॉ प्राकृतिक आपदा आती रहती है, वहॉ जाकर क्या करना है। रमन के बालमन में अपने पैतृक गॉव के प्रति एक डर सा बैठ गया। रमन की शादी हो गई वह कभी अपने गॉव नहीं जा पाया। शादी के बाद रमन की एक बेटी और एक बेटा हो गया, उनको तो कभी गॉव का अता पता ही नहीं था। वहीं रमन के एक चाचा जो दिल्ली में रहते थे वह कभी कभी फोन कर लेते थे। वक्त बीतता गया, सक्षम भी बड़ा हो गया, वह कम्प्यूटर इंजीनियर का कोर्स पूरा करने के बाद वह नोयड़ा में प्रतिष्ठित कंपनी में कम्प्यूटर इ...