Thursday, July 3News That Matters

राष्ट्रीय

मणिपुर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोविंदास कोंथौजम भाजपा में शामिल

मणिपुर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोविंदास कोंथौजम भाजपा में शामिल

राजनीतिक, राष्ट्रीय
मणिपुर प्रदेश कांग्रेस पार्टी (एमपीसीसी) के पूर्व अध्यक्ष गोविंददास कोंथौजम रविवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली। कोंथौजम ने कहा कि अगले साल मणिपुर में विधानसभा के चुनाव होने हैं, मैं उन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के लिए समर्पित रूप से काम करूंगा। पार्टी की सदस्यता लेने के बाद गोविंददास कोंथौजम ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है। गोविंददास कोंथौजम ने पिछले महीने मणिपुर विधायक के साथ-साथ एमपीसीसी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद कांग्रेस को बड़ा झटका लगा था। हालांकि, इंफाल में कांग्रेस भवन में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपना त्याग पत्र देते हुए कोंथौजम ने कहा था कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों के कारण यह कदम उठाया है। आज यानी रविवार सुबह भारतीय ज...
आज भाजपा में शामिल होगा एक और बड़ा नेता, अनिल बलूनी ने किया ट्वीट

आज भाजपा में शामिल होगा एक और बड़ा नेता, अनिल बलूनी ने किया ट्वीट

राजनीतिक, राष्ट्रीय
भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने जानकारी देते हुए बताया कि रविवार दोपहर 12 बजे प्रतिष्ठित शख्सियत भाजपा में शामिल होने जा रही हैं। भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने बताया कि रविवार दोपहर 12 बजे कोई प्रतिष्ठित शख्सियत भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। हालांकि, अभी उन्होंने नाम की घोषणा नहीं की है। गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस के बड़े नेता जितिन प्रसाद भी भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा के इस दावे के बाद जहां विपक्षी पार्टियों के बीच चर्चाएं तेज हो गईं। वहीं, सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा कई बड़े नेताओं के नामों को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। जेपी नड्डा से हुई बाबुल सुप्रियो की मुलाकात के बाद ये भी अटकलें लगाई जा रही है कि वे दोबारा भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा मणिपुर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के भी भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे ह...

युवा कवि धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी’ की गढ़वाली कविता… यू कोराना कू काल छ

राष्ट्रीय
धर्मेंद्र उनियाल 'धर्मी' चीफ़ फार्मासिस्ट, अल्मोड़ा ------------------------------------- यू कोराना कू काल छ, फूटियूं सबूकू कपाल छ। कैकी ह्वईं मुखडी सफेद, कैकी पट कैक लाल छ। १ यू कोराना कू काल छ, फूटियूं सबूकू कपाल छ। होटल वाला भूखा मरना, गौं मा मजूरी ध्याड़ी करना। कैमा नी छ आटू न चौंल, कैमा भुज्जी न दाल छ।२ यू कोराना कू काल छ। कुछ मरयन अस्पतालू मा, कुछ सरकारी फेर जालू मा भैर त सब भलू बतौणा पर भीतर बुरू हाल छ।३ यू कोराना कू काल छ। काम धंधा चौपट ह्वैग्यन, लक्ष्मण रेखा चौखट ह्वैग्यन जनू पिछल्यू साल गुजरी, यू भी त वनी साल छ।४ यू कोराना कू काल छ। मंहगाई की रेल निकली, हमारू तुम्हारु तैल निकली। अर्थव्यवस्था डूबी गै पर, मंहगाई त मा उछाल छ।५ यू कोराना कू काल छ। स्कूलू मा लग्यां ताला, काई सेंवालू मोटा जाला फीस त हम तैं देण पड़ी। यू ऑनलाइन क...

नीरज नैथानी… जब गालियां देते-देते दोनों पक्ष थक जाते तो अघोषित युद्ध विराम हो जाता

राष्ट्रीय
नीरज नैथानी रुड़की, उत्तराखंड -------------------------------------------- पर्वतीय गांवों में सुनहरी लड़ाई साथियों पिछली बार मैंने बताया था कि पहाड़ी खेतों में ओडु कई बार लड़ाई-झगड़े की जड़ हुआ करते थे। हांलाकि, ओडु के अलावा भी तमाम सारी वजहें थीं झगड़ो की। वैसे देखा जाय तो पहाड़ी व मैदानी गांव‌ के लड़ाई-झगड़ों में बुनियादी फर्क है। जहां मैदान के कतिपय गांवों में रुतबा व रुवाब जमाने के लिए या अपनी दबंगई स्थापित करने के लिए लाठी-गोलियां चल जाना आम बात है वहीं, अधिकाशंत: पहाड़ी गावों में केवल जुबानी लड़ाई से ही भड़ास निकाल लिये जाने का रिवाज है। जैसा कि आप जानते ही हैं कि पहाड़ी खेत आकार व क्षेत्रफल में बहुत छोटे होते हैं। इनमें खेती करना अत्यंत श्रम साध्य होता है। जितनी मेहनत की जाती है उस अनुपात में उत्पादन भी कतई नहीं होता है। ऊपर से तुर्रा ये कि पड़ोसी के डगंर उजाड़ खा जाएं त...
बारिश का पानी मलबे के साथ लोगों के घरों में घुसा, बाउंड्री वॉल टूटी

बारिश का पानी मलबे के साथ लोगों के घरों में घुसा, बाउंड्री वॉल टूटी

राष्ट्रीय
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। रायपुर क्षेत्र सरस्वती विहार इलाके में बारिश का पानी मलबे के साथ लोगों के घरों में घुस गया। इससे लोगों की बाउंड्री वॉल भी टूट गई। स्थानीय निवासियों ने बताया कि सीवर लाइन न होने के कारण आंचल देरी, रायपुर रोड, आजाद कॉलोनी आदि का बरसात का सारा पानी सरस्वती विहार इलाके में आ जाता है। लोग लंबे समय (2018) से सीवर लाइन की मांग कर रहे हैं। लेकिन, शासन-प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली। सीवर लाइन न होने के कारण बीते दिनों भारी बारिश से पानी मलबे के साथ लोगों के घरों में घुस गया। स्थानीय लोगों ने कहा कि सीवर लाइन न होने से लोगों को मुश्किलों का सामना कर पद रहा है। यदि उनकी मांग नहीं मांगी गई तो लोग आंदोलन को मजबूर होंगे।...
सेना ने पुलवामा हमले में शामिल जैश के टॉप आतंकी को मार गिराया

सेना ने पुलवामा हमले में शामिल जैश के टॉप आतंकी को मार गिराया

राष्ट्रीय
-जम्मू कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद के एक टॉप आतंकी को सुरक्षा बलों ने मार दिया है। उसे मारकर सुरक्षाबलों ने पुलवामा अटैक का बदला ले लिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शनिवार को कहा कि पुलवामा हमले में शामिल जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े एक टॉप पाकिस्तानी आतंकवादी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में मार गिराया गया है। अधिकारी ने कहा कि अबू सैफुल्ला, जिसे अदनान, इस्माइल और लंबू के नाम से भी जाना जाता है और 2017 से ही घाटी में सक्रिय था, पुलवामा जिले के त्राल के हंगलमर्ग में एनकाउंटर के दौरान एक अन्य आतंकवादी के साथ मारा गया। वह आतंकी मसूद अजहर का भी काफी करीबी था। सीनियर अधिकारी ने कहा कि वह 14 फरवरी, 2019 को हुए पुलवामा आतंकी हमले सहित कई अन्य आतंकी हमलों में शामिल था। आतंकी अदनान पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद संगठन में रऊफ अजहर, मौलाना मसूद अजहर और अम्मार का एक मजबूत सहयोगी था। बताया जा रहा है क...
भाजपा मंत्री की अपील… चिकन, मटन, मछली से ज्यादा खाएं बीफ

भाजपा मंत्री की अपील… चिकन, मटन, मछली से ज्यादा खाएं बीफ

राष्ट्रीय
-भाजपा बीफ खाने का विरोध करती है, दूसरी ओर मेघालय सरकार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंत्री सनबोर शुलई राज्य के लोगों को चिकन, मटन और मछली की तुलना में अधिक बीफ खाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। पिछले हफ्ते कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले भाजपा के सीनियर नेता शुलई ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में हर कोई अपने मन के हिसाब से खाने को स्वतंत्र है। जिसको जो मन चाहे, वह खा सकता है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंत्री सनबोर शुलई ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि मैं लोगों को चिकन, मटन या मछली की तुलना में अधिक बीफ खाने के लिए प्रोत्साहित करता हूं। लोगों को अधिक बीफ खाने के लिए प्रोत्साहित करने से यह धारणा दूर हो जाएगी कि भाजपा गोहत्या पर प्रतिबंध लगाएगी। पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री शुलई ने यह भी आश्वासन दिया कि वह असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से बात करेंगे ताकि य...

डॉ राजेश्वर उनियाल… भाषायी मामले में गांधी जी की गलती न दोहराएं …

राष्ट्रीय
डॉ राजेश्वर उनियाल मुंबई, महाराष्ट्र --------------------------------------------------- बंधुओ, (२९-७-२१) हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी ने देश की शिक्षा नीति में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए भारत की इंजीनियरिंग शिक्षा को अंग्रेजी व हिंदी के साथ ही मराठी, तमिल, बांग्ला व तेलुगू में भी प्रारंभ करने की घोषणा की। हालांकि, हो सकता है कि भावावेश में आकर कई लोग इसका स्वागत अवश्य करेंगे, परंतु यहां पर एक भयंकर चूक हो रही है, जिसे अगर समय रहते सुधारा नहीं गया, तो भविष्य में भारत में भाषाई विवाद व आंदोलन की संभावनाएं बढ़ सकती हैं । हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि 1918 में गांधी जी की अध्यक्षता में इंदौर में आयोजित हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकार करने की घोषणा की गई थी, फिर महात्मा गांधी जी की ही अध्यक्षता में कांग्रेस ने भी हिंदी क...

कवि जसबीर सिंह हलधर का शानदार गीत… लोक में परलोक का नक्शा उतारा जा रहा है

राष्ट्रीय
जसबीर सिंह हलधर देहरादून, उत्तराखंड ---------------------------------------- गीत-स्वर्ग धरती आ रहा है -------------------------------------------- लोक में परलोक का नक्शा उतारा जा रहा है। देवता भयभीत हैं कि स्वर्ग धरती आ रहा है।। अब हवाएं मौन होंगी नीड़ निगलेगी न आँधी। यातनाएं गौण होंगी खून बेचेगी न खादी। गीत जन गण देवता के खुद हिमालय गा रहा है।। लोक में परलोक का नक्शा उतारा जा रहा है।।1 भूख से होंगी न मौतें शांति होगी मरघटों में। अब हलाला भी न होगा क्रांति होगी घूंघटो में। बिजलियों के साथ बादल भी जमीं पर छा रहा है।। लोक में परलोक नक्शा उतारा जा रहा है।।2 मौत से होगी न शादी जिंदगी आसान होगी। नर्क में होंगे जिहादी कौम की पहचान होगी। न्याय के अंगार को सूरज स्वयं दहका रहा है।। लोक में परलोक का नक्शा उतारा जा रहा है।।3 देश का कानून होगा जालिमों को अब पनौती। य...

नीरज नैथानी… डूरंड लाइन व मैकमोहन लाइन की तरह ही है पहाड़ों में ओडु

राष्ट्रीय
नीरज नैथानी रुड़की, उत्तराखंड ------------------------------------ ओडु कई लोगों के लिए ओडु नया शब्द हो सकता है। जनाब, पहाड़ के खेतों में चिन्हांकन रूपी एक पत्थर होता है जो ओडु कहलाता है। यह एक ऐसा पत्थर होता है जो खेत या जमीन की सीमा रेखा बताता है। किसी खेत की मुण्डेर पर पत्थरों की एक सीधी लाइन होती है या संकेत मात्र के लिए एक ही पत्थर हो सकता है जो बताता है कि अमुक सीमा तक इस मालिक की जमीन है। आपसी सहमति से भूमि का बंटवारा कर लिया जाता है या जमीन किसी को बेची है तो ओडु बताता है कि इस सीमा तक अब जमीन तुम्हारी है। यूं समझ लीजिए जैसे कि डूरंड लाइन, मैक मोहन लाइन दो देशों की भौगोलिक सीमाओं का विभाजन करती हैं वैसे ही पहाड़ी खेतों में ओडु लाइन भाई बंदों का बंटवारा इंगित करती हैं। यह ओडु लाइन जमीन के साथ आदमियों को भी सीमा में रखती थी। भई तुम वहां तक हल चलाओ... वहां तक फसल बोओ.......