अमित शाह लंबा और स्वस्थ्य जीवन व्यतीत करें- पीएम मोदी
नई दिल्ली, भारत के गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह आज अपना 58वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें ट्वीट कर बधाई दी है और उनके लंबे और स्वस्थ्य जीवन की कामना की है। इसके अलावा, भारतीय जनता पार्टी के ट्विटर हैंडल से भी उन पर एक वीडियो जारी किया गया है।
अमित शाह लंबा और स्वस्थ्य जीवन व्यतीत करें- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘अमित शाह को जन्मदिन की बधाई! भारत के गृह मंत्री के रूप में वह हमारे देश की प्रगति के लिए कई प्रयास कर रहे हैं। वह महत्वपूर्ण सहकारिता क्षेत्र में सुधार के लिए भी सराहनीय कार्य कर रहे हैं। वह हमारे राष्ट्र की सेवा में एक लंबा और स्वस्थ जीवन व्यतीत करें।’
अमित शाह के जन्मदिन पर भाजपा ने जारी किया वीडियो
अमित शाह के जन्मदिन पर भाजपा ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो जारी किया है। ट्वीट कर कहा गया है, ‘जनप्रिय राजनेता, अद्भुत संगठनकर्ता, कुशल रणनीतिकार व अथक परिश्रमी केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री श्री
अमित शाह को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।’
22 अक्टूबर 1964 को हुआ जन्म
अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई में हुआ। उनके पिता का नाम अनिलचंद्र शाह और माता का नाम कुसुमबेन शाह है। उनकी पत्नी का नाम सोनल शाह और बेटे का नाम जय शाह है, जो बीसीसीआइ के सचिव हैं।
अमित शाह की जिंदगी से जुड़े अनजाने किस्से
- अमित शाह के परिवार का राजनीति से कोई लेना देना नहीं था। उनके पिता एक बड़े व्यापारी थे। शाह बचपन में आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े। पढ़ाई के दिनों में उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के साथ भी काम किया।
- शाह ने भाजपा से जुड़ने से पहले स्टाक ब्रोकर का काम किया। उन्हें 1995 में गुजरात राज्य वित्त निगम का चेयरपर्सन चुना गया। उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल थे।
- पीएम मोदी के साथ शाह की पहली मुलाकात 1982 में अहमदाबाद में हुई थी। उस समय मोदी आरएसएस के प्रचारक थे।
- शाह को 1991 में लालकृष्ण आडवाणी औऱ 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी के चुनाव प्रचार की कमान सौंपी गई, जिसमें उन्होंने बेहतरीन काम किया। यहीं से वे बेहतरीन चुनावी प्रबंधक और कुशल रणनीतिकार के रूप में उभरे।
- गुजरात में 1997 में सरखेज सीट पर हुए उपचुनाव में जीतकर शाह पहली बार विधायक बने। उन्होंने 1998, 2002 और 2007 में भी लगातार जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे।
- साल 2002 में जब गुजरात में नरेन्द्र मोदी मुख्यमंत्री बने उन्होंने शाह को अपने मंत्रिमंडल में जगह दी। उन्हें कई बड़े मंत्रालयों की कमान सौंपी गई।
- अमित शाह पर 2010 में सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगा। उस समय वे गुजरात के गृह मंत्री थे। मामला इतना बढ़ा कि उन्हें इस्तीफा तक देना पड़ा । उन्हें गिरफ्तार भी किया गया। हालांकि बाद में सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया गया।
- शाह के कुशल प्रबंधन और अचूक रणनीति का नतीजा था कि भाजपा ने 2014 में उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 73 पर जीत दर्ज की थी।
- मौजूदा समय में शाह-मोदी की जोड़ी का तोड़ विपक्षी दलों में से किसी के पास भी नहीं है।
राजनीति का चाणक्य
अमित शाह को रानजीति का चाणक्य कहा जाता है। उन्होंने भाजपा को विश्व का सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनाई। उन्होंने भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर सदस्यता अभियान चलाया, जिसने एक साल के भीतर ही 10 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया।