आज साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है। यह एक कंकणाकृति सूर्य ग्रहण है जिसे मिश्रित सूर्य ग्रहण भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह की अमावस्या तिथि पर लगने वाला सूर्य ग्रहण आज सुबह 7 बजकर 04 मिनट से शुरू हो गया है और इसका समापन दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर होगा। भारत में इस ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा, जिसके कारण इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा।
इस साल कब-कब होगा सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण
सूर्य ग्रहण 2023
सूर्य ग्रहण | कब से | कब तक |
---|---|---|
पहला (20 अप्रैल 2023, गुरुवार) | 7 बजकर 04 मिनट से | 12 बजकर 29 मिनट तक |
सूतक काल | भारत में सूतक काल मान्य नहीं | |
दूसरा (14 अक्टूबर 2023 शनिवार) | भारत में दिखाई नहीं देगा | |
सूतक काल | दूसरा भी सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा |
चंद्र ग्रहण 2023
चंद्र ग्रहण | कब से | कब तक |
---|---|---|
पहला (05 मई 2023) | रात 08 बजकर 45 मिनट से | रात 01 बजे तक |
सूतक काल | उपच्छाया चंद्र ग्रहण की वजह से सूतक काल मान्य नहीं होगा | |
दूसरा (29 अक्टूबर) | रात 01 बजकर 06 मिनट से | रात 02 बजकर 22 मिनट तक |
सूतक काल | शाम 5 बजे से | 30 अक्टूबर को सुबह 10 बजे तक |
अगला सूर्य ग्रहण कब लगेगा?
आज साल का पहला सूर्य ग्रहण आज जारी है। यह सूर्य ग्रहण एक हाइब्रिड ग्रहण है, जिसे कंकणाकृति,संकरित या मिश्रित ग्रहण भी कहते हैं। इसके बाद इस तरह का सूर्य ग्रहण दोबारा साल 2031 में दिखाई देगा।
सूर्य ग्रहण के दौरान इन 4 राशि वालों को रहना होगा सावधान
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी सूर्य या चंद्र ग्रहण लगता है तो इसका प्रभाव सभी राशियों के ऊपर पड़ता है। इस ग्रहण का प्रतिकूल प्रभाव चार राशि वालों को सावधान रहना पड़ता है। ज्योतिष गणना के मुताबिक मेष, सिंह, धनु और मकर राशि वालों को ज्यादा सतर्क रहना होगा। इनको सेहत संबंधित समस्याएं आ सकती है और धन हानि की संभावना है। वाद-विवाद बढ़ सकते हैं।
सूर्य ग्रहण के दौरान करें ये उपाय
सूर्य ग्रहण की घटना का विशेष महत्व होता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में सूर्यदेव का विशेष महत्व होता है। सूर्यदेव आत्मा और आरोग्य के कारक हैं, ऐसे में जब भी सूर्यदेव के ऊपर ग्रहण लगता है तो व्यक्ति की आरोग्य क्षमता को प्रभावित करता है। सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य देव के ऊपर कुछ देर के लिए पापी ग्रह राहु का प्रभाव अधिक रहता है। ऐसे में इस ग्रहण के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए सूर्य देव के बीच मंत्र का जाप करना बहुत ही लाभदायक होता है। इसमें सूर्यदेव से संबंधित मंत्रों का जाप करना होता है।
साल का पहला सूर्य ग्रहण जारी, जानिए क्यों है यह खास
साल का पहला सूर्य ग्रहण जारी है। दुनिया के कई हिस्सों में इस सूर्य ग्रहण का नजारा देखा जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रहण हमेशा ही अमावस्या तिथि पर पड़ता है और आज वैशाख माह की अमावस्या तिथि है। एक वर्ष में कई बार घटने वाला सूर्य ग्रहण कई रूपों में दिखाई देता है। जिसमें पूर्ण सूर्य ग्रहण जिसे खग्रास सूर्य ग्रहण कहते हैं। आंशिक सूर्य ग्रहण जिसे खंडग्रास सूर्य ग्रहण का नाम दिया जाता है। इसके अलावा कंकणाकृति सूर्य ग्रहण भी दिखाई देता है। इसे हम मिश्रित या संकरित सूर्य ग्रहण भी कह सकते हैं। इस संकरित सूर्य ग्रहण को विज्ञान की भाषा में हाइब्रिड सूर्य ग्रहण के नाम जाता है। इस तरह का सूर्य ग्रहण बहुत ही दुर्लभ सूर्यग्रहण होता है क्योंकि इस ग्रहण के दौरान कुछ जगहों पर यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई पड़ता है, तो कुछ स्थानों पर पूर्ण सूर्य ग्रहण के रूप में, वहीं कुछ जगह पर यह कुंडलाकार सूर्य ग्रहण की तरह दिखाई देता है। इसी कारण से इसे विज्ञान की भाषा में हाइब्रिड सूर्य ग्रहण जबकि ज्योतिष शास्त्र में मिश्रत सूर्य सूर्यग्रहण के नाम से जाना जाता है।
ग्रहण के दौरान करें इन मंत्रों का जाप
शास्त्रों में ग्रहण को अच्छा नहीं माना जाता है। ग्रहण के दौरान और उसके पहले से सूतक काल लग जाता है। सूतक काल में किसी भी तरह का शुभ कार्य और पूजा-पाठ करना वर्जित माना जाता है। शास्त्रों में ग्रहण के दौरान मंत्रों का जाप करने के लिए बताया जाता है। ऐसे मान्यता है ग्रहण के दौरान लगातार मंत्रों का जाप करने से भगवान को ग्रहण का कष्ट कम होता है। इसके अलावा मंत्रों के जाप करने से ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव कम रहता है। आप ग्रहण के दौरान इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
- ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो : सूर्य: प्रचोदयात।
- ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:।
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
- ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
- ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।
दुनिया के इन हिस्सों में सूर्यग्रहण जारी…
पूरी दुनिया में आज सूर्य ग्रहण जारी है लेकिन भारत में इस ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। यह एक हाइब्रिड सूर्य ग्रहण होगा। भारत में सूर्य ग्रहण का प्रभाव नहीं होने के कारण इसका सूतककाल प्रभावी नहीं होगा। यह ग्रहण दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक चलेगा। इस सूर्य ग्रहण को दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा रहा है। चीन, थाईलैंड, अमेरिका, मलेशिया, जापान, न्यूजीलैंड, हिंद महासागर और प्रशांत महासागर
इस ग्रहण को हाइब्रिड सूर्यग्रहण क्यों कहा जा रहा है?
आज वैशाख अमावस्या पर साल का पहला सूर्य ग्रहण जारी है। साल 2023 के पहले सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व है, क्योंकि आज का सूर्यग्रहण तीन तरह का होगा। पहले सूर्य ग्रहण की घटना में आपको सूर्य ग्रहण आंशिक, कुंडलाकार और पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। इस वजह से इसे हाइब्रिड सूर्य ग्रहण कहा जा रहा है। आपको बता दें आंशिक सूर्य ग्रहण तब हो है जब चंद्रमा सूर्य के कुछ ही हिस्सों को छिपा लेता है। वहीं कुंडलाकार सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य के बीचो बीच आ जाता है जिसमें सूर्य एक चमकदार रिंग की तरह दिखाई देता है। इसके आलाव पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा सूर्य को कुछ देर के लिए पूरी तरह से ढक लेता है।
इतने समय तक दिखाई देगा सूर्य ग्रहण
साल का पहला सूर्य ग्रहण जारी है। यह एक हाइब्रिड सूर्य ग्रहण होगा जिसे करीब 100 वर्षों के बाद दोबारा से देखा जा रहा है। हाइब्रिड सूर्य ग्रहण उसे कहते हैं जब एक साथ आंशिक, पूर्ण और कंकणाकृति तीनों दिखाई देता है। भारतीय समय के अनुसार आज सुबह 7 बजकर 4 मिनट से सूर्य ग्रहण शुरू जो चुका है। यह ग्रहण दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक चलेगा। इस तरह से ग्रहण की पूर्ण अवधि करीब 5 घंटे 24 मिनट तक रहेगी।
आज दिखेगा एक साथ तीन तरह का सूर्य ग्रहण
साल का पहला सूर्य ग्रहण शुरू हो चुका है। भारतीय समय के अनुसार आज सुबह करीब 07 बजकर 04 मिनट से सूर्य ग्रहण शुरू हो चुका है। यह सूर्य ग्रहण बहुत ही खास है क्योंकि एक साथ आपको आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार सूर्य देखने को मिलेगा। इस कारण से इस हाइब्रिड सूर्य ग्रहण कहा जा रहा है। यह ग्रहण एक कुंडलाकार सूर्य ग्रहण के रूप में शुरू होगा फिर समय के साथ यह पूर्ण सूर्य ग्रहण में बदल जाएगा और अंत में दोबारा से कुंडलाकार सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देने लगेगा।
सूर्य ग्रहण मेष राशि और अश्विन नक्षत्र में होगा
साल का यह पहला सूर्य ग्रहण मेष राशि और नक्षत्र में लगेगा। सूर्य के मेष राशि रहते हुए यह ग्रहण करीब 19 वर्षों पर लग रहा है।
सूर्य ग्रहण में क्या करें और क्या न करें
- शास्त्रों में ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है, इसलिए ग्रहण के पहले सूतक लगने पर सभी तरह शुभ कार्य करना वर्जित हो जाता है।
- ग्रहण के दौरान देवी-देवताओं की पूजा करना वर्जित होता है। यहां तक की भगवान की मूर्ति को भी छूना वर्जित माना गया है।
- ग्रहण के पहले और ग्रहण के दौरान सभी मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं।
- ग्रहण की समाप्ति के बाद घर और पूजा स्थल को गंगाजल का छिड़काव करके शुद्ध किया जाता है।
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और न ही ग्रहण देखना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान तो पूजा-पाठ करना वर्जित होता है लेकिन ग्रहण के दौरान मंत्रों के जाप करके ग्रहण के प्रभाव को कम किया जाता है।
- ग्रहण लगने पर खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाला जाता है। माना जाता है ग्रहण के दौरान दूषित किरणें और नकारात्मक ऊर्जा चारों तरफ फैली हुई होती है। इसी वजह से खाने-पीने की चीजों में हानिकारक बैक्टीरियां जल्दी से फैलता है। तुलसी में कई तरह के औषधि गुण मौजूद होते हैं,इसलिए ग्रहण लगने पर खाने-पीने के चीजों में तुलसी के पत्ते डाल दिए जाते हैं।
- ग्रहण के खत्म होने पर स्नान किया जाता है और पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव किया जाता है।
देश में इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल प्रभावी नहीं होगा
आज कहां-कहां दिखाई देगा यह हाइब्रिड सूर्य ग्रहण ?
यह हाइब्रिड सूर्य ग्रहण इन-इन स्थानों पर दिखाई देगा- कंबोडिया, चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, थाईलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर, दक्षिण पेसिफिक सागर, तिमोर और न्यूजीलैंड ।
उत्तरांचल क्राइम न्यूज के लिए ब्यूरो रिपोर्ट