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बीते रविवार को यमुनोत्री हाईवे पर हुए बस हादसे ने जनमानस को झकझोर कर रख दिया|

बीते रविवार को यमुनोत्री हाईवे पर हुए बस हादसे ने जनमानस को झकझोर कर रख दिया|

बीते रविवार को यमुनोत्री हाईवे पर हुए बस हादसे ने जनमानस को झकझोर कर रख दिया|

बीते रविवार को यमुनोत्री हाईवे पर हुए बस हादसे ने जनमानस को झकझोर कर रख दिया|

बीते रविवार को यमुनोत्री हाईवे पर हुए बस हादसे ने जनमानस को झकझोर कर रख दिया है। साथ ही 2017 को गंगोत्री हाईवे पर हुई बस दुर्घटना की यादें ताजा कर दी। 21 मई 2017 को शाम के समय नालुपानी के समीप हुए बस हादसे में 30 लोगों की जान गई थी, जबकि एक बच्ची और एक व्यक्ति घायल हुए थे। मृतकों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि उनके शवों को चिन्यालीसौड़ सीएचसी में रखने की जगह तक नहीं मिली थी। तब भी दुर्भाग्य से तीर्थयात्री मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। तब भी शासन बड़ी संख्या में हुई यात्रियों की मौत का कोई ठोस कारण नहीं ढूंढ सका था। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शूरवीर रांगड़, व्यापार मंडल अध्यक्ष कृष्णा नौटियाल, अमित सकलानी आदि का कहना है कि सड़कें तो पर्याप्त चौड़ी हुई है, लेकिन हादसे नहीं रुक रहे हैं। जो कि चिंता का विषय है।
उन्होंने हादसों पर लगाम लगाने के लिए वाहनों की निगरानी को जरूरी बताया। कहा कि वाहनों के साथ वाहन चालकों का नियमित मेडिकल चेकअप होना चाहिए।

सड़कों की स्थिति सुधरी पर नहीं रुक रहे हादसे

बीते 5-6 सालों में पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों की स्थिति पहले से काफी सुधरी है। ऑलवेदर रोड निर्माण के चलते सड़कों की चौड़ाई भी बढ़ी है, लेकिन हादसे नहीं रुक रहे हैं। पहाड़ पर वाहन चालक की जरा सी चूक यात्रियों की जान पर भारी पड़ सकती है। सरकार को दुर्घटनाओं को रोकने के लिए स्थानीय लोगों की मांग पर विशेषज्ञ समिति का गठन कर ठोस कारणों को पता लगाना चाहिए।

आपको बता दें कि उत्तरकाशी में चारधाम यात्रियों से भरी बस रविवार शाम पौने सात बजे 200 फीट गहरी खाई में गिर गई। इस हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई जबकि चार घायल हैं। इनमें से 23 ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था जबकि तीन की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई।
बस में चालक और परिचालक और मध्यप्रदेश के जिला पन्ना के गांव जखला निवासी 28 तीर्थयात्री सवार थे। हादसा यमुनोत्री हाईवे पर डामटा से करीब 5 किमी दूर रिखाऊं खड्ड क्षेत्र में हुआ। बस हरिद्वार से यमुनोत्री धाम के लिए चली थी।

दुर्घटना की सूचना पर बड़कोट और पुरोला पुलिस के साथ ही एसडीआरएफ, एनडीआरएफ टीम पहुंची और रेस्क्यू अभियान शुरू किया। पुरोला थानाध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि सात घायलों को निकाला गया जिसमें तीन महिलाएं थीं। उन्हें उपचार के लिए सीएचसी नौगांव में भर्ती कराया गया। इनमें से तीन ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। चार घायलों का इलाज चल रहा है।

उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |

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