
हरिद्वार का वह घाट जहां भगवान राम ने किया था अपने पिता का पिंडदान, यहां तर्पण से पितरों को मिलता है मोक्ष!
हरिद्वार का वह घाट जहां भगवान राम ने किया था अपने पिता का पिंडदान, यहां तर्पण से पितरों को मिलता है मोक्ष!
हरिद्वार के प्राचीन गंगा घाटों में कुशावर्त घाट का विशेष महत्व बताया गया है, जहां पर पिंडदान, तर्पण और पित्रों के निमित आदि कार्य करने का विशेष महत्व है.इस स्थान का वर्णन विष्णु पुराण, शिव पुराण और स्कंद पुराण के केदारखंड में किया गया है.भगवान राम ने अपने पिता और समस्त पूर्वजों के उद्धार हेतु यहां पर पिंडदान और तर्पण आदि किया था.
हरिद्वार.उत्तराखंड की धर्म नगरी हरिद्वार विश्व में एक तीर्थ स्थल के नाम से विख्यात है. हरिद्वार को कुंभ नगरी के नाम से भी जाना जाता है. प्राचीन काल में देवताओं और असुरों के मध्य हुए समुद्र मंथन के बाद अमृत कलश निकला था, जिसके बाद अमृत के लिए असुरों और देवताओं में युद्ध हुआ था. इस दौरान अमृत कलश को लेकर जाते वक्त अमृत की कुछ बूंदें धरती पर चार जगह हरिद्व...