Tuesday, July 1News That Matters

Month: January 2025

यूएलएमएमसी ने बनाई यूपी के लिए डीपीआर  खारा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के पिछले भाग में हो रहे भूस्खलन की रोकथाम को दिए अहम सुझाव

यूएलएमएमसी ने बनाई यूपी के लिए डीपीआर खारा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के पिछले भाग में हो रहे भूस्खलन की रोकथाम को दिए अहम सुझाव

उत्तराखण्ड
देहरादून। उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केन्द्र, देहरादून (यूएलएमएमसी) उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के नियंत्रणाधीन खारा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट (सहारनपुर, यूपी) के पिछले भाग में हो रहे भूस्खलन रोकथाम के लिए अहम सुझाव देगा। इसके लिए डीपीआर बनाने का काम यूएलएमएमसी ने पूरा कर लिया है। यूएलएमएमसी इस पूरी परियोजना की सतत निगरानी भी करेगा। शनिवार को यूएलएमएमसी के विशेषज्ञों ने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास/महानिदेशक यूएलएमएमसी  विनोद कुमार सुमन को डीपीआर सौंपी। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास  विनोद कुमार सुमन ने बताया कि खारा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के पिछले भाग में भूस्खलन हो रहा है। परियोजना के प्रतिनिधियों ने डीपीआर बनाने के लिए उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केन्द्र से संपर्क किया। यूएलएमएमसी के वैज्ञानिकों ने भूस्खलन की रोकथाम हेतु संपूर्ण भूगर्भीय, भू-भौतिक...
उत्तराखंड के किसानों से राज्य सरकार ने इस साल 3100 मीट्रिक टन मंडुआ खरीदा

उत्तराखंड के किसानों से राज्य सरकार ने इस साल 3100 मीट्रिक टन मंडुआ खरीदा

उत्तराखण्ड
कुछ समय पहले तक उपेक्षित रहने वाला मंडुआ अब हाथों हाथ बिक रहा है। राज्य सरकार ने ही इस साल विभिन्न सहकारी और किसान संघों के जरिए उत्तराखंड के किसानों से 3100 मीट्रिक टन से अधिक मंडुआ खरीदा है। सरकार ने इस साल किसानों को मंडुआ पर 4200 प्रति कुंतल का समर्थन मूल्य भी दिया है। उत्तराखंड के सीढ़ीदार खेतों में परंपरागत रूप से मंडुआ की खेती होती रही है। लेकिन कुछ साल पहले तक मंडुआ फसल उपेक्षा का शिकार रहती थी, जिस कारण किसानों का भी मंडुआ उत्पादन के प्रति मोह भंग होने लगा था। लेकिन केंद्र और उत्तराखंड सरकार द्वारा अब मिलेट्स फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिस कारण उत्तराखंड में मंडुआ उत्पादक क्षेत्र के साथ ही उत्पादन भी बढ़ रहा है। मौजूदा सरकार ने मंडुआ उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए सबसे पहले 2022 इसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत के तहत, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से ख...
प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन में आएंगे 17 देशों से लोग  12 जनवरी को देहरादून में होने जा रहा है भव्य आयोजन 50 से अधिक प्रवासी उत्तराखंडियों ने अब तक किया रजिस्ट्रेशन

प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन में आएंगे 17 देशों से लोग 12 जनवरी को देहरादून में होने जा रहा है भव्य आयोजन 50 से अधिक प्रवासी उत्तराखंडियों ने अब तक किया रजिस्ट्रेशन

उत्तराखण्ड
उत्तराखंड सरकार द्वारा आयोजित किए जा रहे प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन में 17 देशों में रहने वाले उत्तराखंडी पहुंच रहे हें। अब तक 50 से अधिक जाने माने प्रवासी उत्तराखंडियों ने सम्मेलन के लिए अपना पंजीकरण करवा लिया है। 12 जनवरी को आयोजित होने वाले एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे। सम्मेलन में उत्तराखंड में निवेश की संभावना, हॉस्पेटिलिटी – वेलनेस, कौशल विकास, विदेश में रोजगार और उच्च शिक्षा के साथ ही उद्यान जड़ी- बूटी में संभावना विषय पर चार अलग अलग सत्रों में पैनल डिस्कशन भी किया जाएगा। *शामिल हो रहे हैं कई दिग्गज* इस सम्मेलन में विदेश में रहते हुए अलग -अलग क्षेत्रों में नाम कमाने वाले कई प्रवासी उत्तराखंडी शामिल हो रहे हैं। इसमें प्रवासी भारतीय सम्मान प्राप्त दुबई निवासी गिरीश चंद्र पंत के अलावा ची...
मुख्यमंत्री धामी ने मुख्यमंत्री आवास परिसर में किया ट्यूलिप बल्ब का रोपण

मुख्यमंत्री धामी ने मुख्यमंत्री आवास परिसर में किया ट्यूलिप बल्ब का रोपण

उत्तराखण्ड
पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास परिसर में अपने पारिवारिक सदस्यों संग विभिन्न प्रजातियों के ट्यूलिप बल्ब का रोपण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में फूलों की बहुत अधिक मांग बनी रहती है जिससे प्रदेश में भी पुष्प उत्पादन से स्वरोजगार अर्जित करने की बहुत अधिक संभावना है। अतः किसानों को परंपरागत खेती के साथ-साथ पुष्प उत्पादन की व्यावसायिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस दौरान मुख्यमंत्री आवास परिसर में उन्होंने विभिन्न बागवानी कार्यों का भी निरीक्षण किया तथा फूलों की विभिन्न प्रजातियों के कार्यों का अवलोकन कर ऐसे प्रयासों की सराहना की।...
मुख्यमंत्री ने 17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन का पोस्टर किया जारी

मुख्यमंत्री ने 17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन का पोस्टर किया जारी

उत्तराखण्ड
मुख्यमत्री  पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में 17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन एवं कृषि प्रदर्शनी के ब्रोशर और पोस्टर का विमोचन किया। यह कृषि महाकुंभ 20 फरवरी से 22 फरवरी 2025 को गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर में प्रस्तावित है जो कि राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी एवं गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा संयुक्त रूप आयोजित किया जा रहा है इस अवसर पर गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के कुलपति प्रो. एमएस चौहान ने बताया कि 17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन में 50 से अधिक देशों के 04 हजार से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे। सम्मेलन में पर्वतीय क्षेत्रों की कृषि में नवाचार, कृषि क्षेत्र में युवा पेशेवरों को बढ़ावा देने, डिजिटल एग्रीकल्चर, जलवायु परिवर्तन, स्मार्ट लाइवस्टॉक फार्मिंग जैसे विषय पर पैनल चर्चा की जाएगी। साथ ही विज्...
सात नई पिरुल ब्रिकेट्स यूनिट तैयार होंगी वनाग्नि सत्र से पहले  राज्य ने वनाग्नि प्रबंधन के लिए पांच साल की कार्ययोजना केंद्र सरकार के पास भेजी

सात नई पिरुल ब्रिकेट्स यूनिट तैयार होंगी वनाग्नि सत्र से पहले राज्य ने वनाग्नि प्रबंधन के लिए पांच साल की कार्ययोजना केंद्र सरकार के पास भेजी

उत्तराखण्ड
वन विभाग आगामी वनाग्नि सत्र से पहले प्रदेश में सात नई पिरुल ब्रिकेट्स यूनिट तैयार कर देगा। इससे पिरुल एकत्रितकरण के जरिए वनाग्नि रोकथाम में मदद मिलेगी। इधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर वन विभाग ने वनाग्नि रोकथाम के लिए पांच साल की योजना तैयार करते हुए, केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजी है। प्रदेश में वनाग्नि का मुख्य कारण, जंगलों में चीड़ वन की अधिकता है। वन विभाग के नियंत्रणाधीन वनाच्छादित क्षेत्र में लगभग, 15.25 प्रतिशत चीड़ वन है। इसलिए वन विभाग चीड़ पिरुल को एकत्रित करते हुए, इसका प्रयोग पैलेट्स, ब्रिकेट्स बनाने में कर रहा है। इसके लिए स्वयं सहायता समूहों की मदद ली जा रही है, वर्तमान में विभाग इन समूहों को प्रति कुंतल तीन रुपए की दर से चीड़ एकत्रित करने का भुगतान करता है, जिसे मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में बढ़ाए जाने की तैयारी है। गत वर्ष विभाग ने स्वयं सहायता स...
वाॅलंटियर डाटा बेस तैयार करेगा उत्तराखंड  न सिर्फ राष्ट्रीय खेल, बल्कि अन्य बडे़ आयोजनों को सामने रखकर तैयारी  राष्ट्रीय खेलः वाॅलंटियर रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 30 हजार तक पहुंचा  वाॅलंटियर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जारी, दो से ढाई हजार की जरूरत

वाॅलंटियर डाटा बेस तैयार करेगा उत्तराखंड न सिर्फ राष्ट्रीय खेल, बल्कि अन्य बडे़ आयोजनों को सामने रखकर तैयारी राष्ट्रीय खेलः वाॅलंटियर रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 30 हजार तक पहुंचा वाॅलंटियर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जारी, दो से ढाई हजार की जरूरत

उत्तराखण्ड
38 वें राष्ट्रीय खेलों के बहाने उत्तराखंड वाॅलंटियरों का डाटा बेस तैयार करने में जुट गया है। जिस तरह से उत्तराखंड में बडे़ आयोजनों का माहौल बनने लगा है, उसे देखते हुए डाटा बेस की जरूरत महसूस की जा रही है। खेल विभाग ने इसके लिए आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इन दिनों राष्ट्रीय खेलों के संबंध में वाॅलंटियर के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही है। रजिस्ट्रेशन कराने वाले सभी लोगों को प्रमाणपत्र दिया जाएगा। दो से ढाई हजार जिन वाॅलंटियर का चयन होगा, उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। बाद में उन्हें अलग से राष्ट्रीय खेल का प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। चयनित वाॅलंटियर को टीए/डीए भी दिया जाएगा। रजिस्ट्रेशन पूरे हो जाने के बाद चयन प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। दरअसल, खेल विभाग के अफसरों का मानना है कि इस महा आयोजन के बहाने वाॅलंटियर का डाटा बेस तैयार करना भविष्य के लिहाज से उपयोगी रहेगा। उत्तराखंड न...