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Day: May 19, 2025

रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया तहसील कार्यालय का पेशकार, सतर्कता अधिष्ठान की बड़ी कार्रवाई

रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया तहसील कार्यालय का पेशकार, सतर्कता अधिष्ठान की बड़ी कार्रवाई

उत्तराखण्ड
उत्तराखण्ड में भ्रष्टाचार के विरुद्ध सतर्कता अधिष्ठान द्वारा एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए अपर तहसीलदार कार्यालय, रुड़की के पेशकार रोहित को ₹10,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। शिकायतकर्ता ने सतर्कता अधिष्ठान की टोल फ्री हेल्पलाइन 1064 पर शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी बहन की कृषि भूमि का वाद तहसीलदार न्यायालय, रुड़की में विचाराधीन है। 24 मार्च 2025 को न्यायालय ने एकपक्षीय आदेश पारित कर दिया था, जिसके विरुद्ध शिकायतकर्ता ने 21 अप्रैल 2025 को रेस्टोरेशन प्रार्थना पत्र दाखिल किया। उक्त पत्रावली में कार्यवाही कराने के एवज में पेशकार रोहित द्वारा ₹25,000 की रिश्वत मांगी जा रही थी। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सतर्कता अधिष्ठान देहरादून की ट्रैप टीम ने योजनाबद्ध तरीके से 19 मई 2024 को पेशकार रोहित (पुत्र श्री रामपाल सिंह, निवासी मकान नं. 273, ग्राम कस्बा रुड़की, थाना रुड़की...
वित्त आयोग ने सराहा उत्तराखंड का वित्तीय प्रबंधन ,कहा-विकासशील राज्य में संतुलित राजकोषीय घाटा बुरी स्थिति नहीं ,  आयोग ने कहा-आय बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहा है राज्य

वित्त आयोग ने सराहा उत्तराखंड का वित्तीय प्रबंधन ,कहा-विकासशील राज्य में संतुलित राजकोषीय घाटा बुरी स्थिति नहीं , आयोग ने कहा-आय बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहा है राज्य

उत्तराखण्ड
उत्तराखंड के दौरे पर आए 16 वें वित्त आयोग ने उत्तराखंड के वित्तीय प्रबंधन को सराहा है। आयोग के अध्यक्ष डा अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि किसी भी विकासशील राज्य में यदि संतुलित राजकोषीय घाटा है, तो यह बुरी स्थिति नहीं है। हां, यह घाटा ज्यादा ना होने पाए, इसका ध्यान रखना जरूरी है। उन्होंने कहा-वित्तीय चुनौतियों को लेकर उत्तराखंड जागरूक है और सही तरीके से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य अपनी आमदनी को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। इसमें बढ़ोत्तरी की पूरी संभावना है। सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में डा पनगढ़िया ने कहा कि उत्तराखंड की प्रति व्यक्ति आय अच्छी है। यह राष्ट्रीय औसत से अधिक है। इसको और बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि आज तक जितने आयोग बने हैं, उन्होंने हिमालयी राज्यों की विशिष्ट भौगोलिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाएं की हैं...