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उत्तराखण्ड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा- बुलडोजर के माध्यम से कार्रवाई सिर्फ अवैध कब्जे या अतिक्रमण हटाने के लिए है

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा- बुलडोजर के माध्यम से कार्रवाई सिर्फ अवैध कब्जे या अतिक्रमण हटाने के लिए है

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में बुलडोजर के माध्यम से कार्रवाई सिर्फ अवैध कब्जे या अतिक्रमण हटाने के लिए हो रही है। बुलडोजर का प्रयोग किसी के विरुद्ध बलपूर्वक नहीं किया जा रहा है। मुख्यमंत्री आवास के मुख्य सेवक सदन में गुरुवार को ई-गवर्नेंस में इंटरनेट मीडिया की भूमिका विषय पर आयोजित कार्यक्रम में पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जहां भी अतिक्रमण पाया जाएगा, बुलडोजर का उपयोग होगा। अवैध कब्जे हटाने की प्रक्रिया कानूनी तौर पर पूरी की जा रही है। अभी तक तीन स्थानों हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और हल्द्वानी में बुलडोजर का प्रयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी विचारधारा सदैव राष्ट्रवादी रही है। प्रत्येक परिस्थिति में केवल राष्ट्र प्रथम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-गवर्नेंस के माध्यम से सभी सरकारी कार्यों को आनलाइन सर्विस के माध्यम से जनता तक आसानी से पहुंचाना है। इससे सरकारी कार्याल...
पेयजल विभाग में है कर्मचारियों का टोटा

पेयजल विभाग में है कर्मचारियों का टोटा

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पेयजल विभाग में है कर्मचारियों का टोटा| देहरादून - पेयजल विभाग में कर्मचारियों का टोटा अथवा कमी बताई जा रही है, जिससे कि पेयजल आपूर्ति की समस्या एवं अन्य मामलों के समाधान होने में विलंब होता है और जनता की संबंधित विभाग को खरी-खोटी सुनने को मिलती रहती है | विभाग के कुछ अधिकारियों का कहना है कि उनके विभाग में समस्याओं का समाधान करने और संबंधित कार्य करने में कर्मचारियों की कमी होने के कारण कुछ विलंब होता रहता है, लेकिन सारे काम तत्परता के साथ किए जाते हैं , कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाती है | *राजधानी दून में अनेक स्थानों पर लगाए गए हैंड पंप खा रहे जंग *पर्यटन सीजन और चार धाम यात्रा को देखते हुए सरकार के सामने है पेयजल समस्या एक चुनौती *मुख्यमंत्री ने स्वयं माना कि गर्मियों में पानी की समस्या बन जाती है बड़ी चुनौती देहरादून - उत्तराखंड की राजधानी दून में जै...
स्वास्थ्य सुविधाओं का जनता को मिल रहा अधूरा लाभ?

स्वास्थ्य सुविधाओं का जनता को मिल रहा अधूरा लाभ?

उत्तराखण्ड
स्वास्थ्य सुविधाओं का जनता को मिल रहा अधूरा लाभ? *बदहाल व्यवस्थाएं संबंधित महकमे एवं सरकार की कार्यशैली पर लगाती रही है सवालिया निशान? *आम व गरीब जनता से कोसों दूर रहती है सरकारी सुविधाएं देहरादून-  समूचे उत्तराखंड राज्य में बदहाल बनी हुई स्वास्थ्य सुविधाएं आज की नहीं, बल्कि वर्षों से इसी तरह की बदस्तूर रूप में चली आ रही है, सरकार भले ही आए दिन स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ जनता तक पहुंचाने का गुणगान तथा घोषणाएं करती रही हो, लेकिन वास्तविकता यह सामने आ रही है कि सरकार की इन स्वास्थ्य सुविधाओं का पूर्ण लाभ गरीबों एवं आमजन मरीजों को अक्सर नहीं मिल पाता है | उत्तराखंड राज्य के सभी 13 जिलों में सरकार द्वारा बहुत सारे स्वास्थ्य केंद्र एवं जिला सरकारी चिकित्सालय स्थापित किए गए हैं और वहां पर आम जनता को सभी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिए जाने के दिशा निर्देश भी संबंधित विभाग को दिए गए हैं , ...
कई राजनीतिक दलों का भविष्य बढ़ रहा हाशिए की ओर…       उत्तराखंड में कॉन्ग्रेस, बसपा, उक्रांद, आप और सपा के राजनीतिक भविष्य को लेकर है बड़ा संकट

कई राजनीतिक दलों का भविष्य बढ़ रहा हाशिए की ओर… उत्तराखंड में कॉन्ग्रेस, बसपा, उक्रांद, आप और सपा के राजनीतिक भविष्य को लेकर है बड़ा संकट

उत्तराखण्ड
कई राजनीतिक दलों का भविष्य बढ़ रहा हाशिए की ओर... उत्तराखंड में कॉन्ग्रेस, बसपा, उक्रांद, आप और सपा के राजनीतिक भविष्य को लेकर है बड़ा संकट देहरादून- उत्तराखंड राज्य में राजनीति को लेकर एक ऐसी पटकथा लिखी जाने लगी है, जिसके नजरिए से कई राजनीतिक दलों का भविष्य राम भरोसे ही होगा I राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा उत्तराखंड विधानसभा 2022 के चुनाव में जिस मिथक को तोड़ा गया, उसने निश्चित रूप से भाजपा को छोड़कर प्रदेश के अन्य सभी राजनीतिक दलों के मंसूबों पर बुरी तरह से पानी फेरते हुए चेतावनी दे डाली है कि अब चप्पे-चप्पे पर भाजपा का ही राज-काज चलेगा, और कोई भी राजनीतिक पार्टी उनके सामने नहीं टिक पाएगी I वर्ष-2022 के विधानसभा चुनाव का अखाड़ा शानदार बहुमत के साथ जीतने के बाद सत्तारूढ़ भाजपा की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने अपने मिशन विकास के अभियान को आगे बढ़ाते हुए अब उत्तराखंड के निकाय चुनाव पर ...
हरियाली को खा रहे वन  और भूमाफिया!

हरियाली को खा रहे वन और भूमाफिया!

उत्तराखण्ड
हरियाली को खा रहे वन और भूमाफिया! *माफियाओं के प्रति संबंधित विभाग का रवैया आखिर क्यों रहता है नरम? *उत्तराखंड राज्य का निर्माण होने के बाद से लेकर अब तक फलदार एवं छायादार हजारों वृक्ष कर दिए गए नष्ट देहरादून - उत्तराखंड राज्य को ऑक्सीजन का भंडार वाला राज्य कहां जाता रहा हैI हिमालय क्षेत्र में आने वाला यह उत्तराखंड राज्य आज भी पर्यटकों के लिए गुलजार होता रहता है, लेकिन मुख्य व हैरानी की बात यह है कि पिछले दो दशकों के दौरान इस राज्य की काफी हरियाली को कई भू एवं वन माफिया अपने स्वार्थी मंसूबों के तहत नष्ट करने में कामयाब रहे हैं I सैकड़ों और हजारों की संख्या में फलदार एवं छायादार वृक्षों का अवैध कटान होने के मामले समय-समय पर सामने आते रहे हैं और माफियाओं की मौज होती रही है I जब 9 नवंबर सन 2000 में उत्तराखंड राज्य का निर्माण उत्तर प्रदेश से अलग होकर हुआ था, तब यह पहाड़ी राज्य हरियाली...
पूर्व प्रधानाचार्य सुनीता जैन ने प्रतिष्ठित व लोकप्रिय उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ समाचार पत्र को भेंट किया 2 टन का एयर कंडीशन|

पूर्व प्रधानाचार्य सुनीता जैन ने प्रतिष्ठित व लोकप्रिय उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ समाचार पत्र को भेंट किया 2 टन का एयर कंडीशन|

उत्तराखण्ड
पूर्व प्रधानाचार्य सुनीता जैन ने प्रतिष्ठित व लोकप्रिय उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ समाचार पत्र को भेंट किया 2 टन का एयर कंडीशन| समाचार पत्र की निष्पक्षता तथा समाज सेवा के सराहनीय योगदान को निरंतर मिल रहा है प्रोत्साहन देहरादून -   पारदर्शी एवं निष्पक्षता के क्षेत्र में उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ एक ऐसा समाचार पत्र है, जो कि निरंतर जनता, राजनीतिज्ञों, समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य करने वाले वरिष्ठ समाजसेवी एवं अन्य वर्ग-समाज में अपना लोकप्रिय एवं प्रतिष्ठित मुकाम हासिल करता जा रहा है I प्रतिष्ठित समाचार पत्र "उत्तरांचल क्राइम न्यूज़" के इन्हीं बेहतर एवं पारदर्शी समाचारों की भूमिका को देखते हुए ही महिला इंटर कॉलेज विकासनगर की सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य श्रीमती सुनीता जैन ने उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ को उपहार स्वरूप 2 टन का एयर कंडीशन भेंट किया है I पूर्व प्रधानाचार्य सुनीता जैन ने कहा है कि उत्त...
अवैध खनन क्यों रुकेगा जनाब?   *माफियाओं के सामने विभागीय अफसर जो है बौने!  *अवैध खनन होने से प्रतिवर्ष सरकार और संबंधित विभाग को भारी राजस्व का हो रहा है नुकसान

अवैध खनन क्यों रुकेगा जनाब? *माफियाओं के सामने विभागीय अफसर जो है बौने! *अवैध खनन होने से प्रतिवर्ष सरकार और संबंधित विभाग को भारी राजस्व का हो रहा है नुकसान

उत्तराखण्ड
अवैध खनन क्यों रुकेगा जनाब? *माफियाओं के सामने विभागीय अफसर जो है बौने! *अवैध खनन होने से प्रतिवर्ष सरकार और संबंधित विभाग को भारी राजस्व का हो रहा है नुकसान *सदन से लेकर सड़क तक माफियाओं के खिलाफ बुलंद होती रहती है आवाज, लेकिन नहीं होता कोई एक्शन देहरादून -   उत्तराखंड राज्य में खनन माफियाओं के खिलाफ शायद ही कोई ऐसा कोना अथवा नदी हो, जिससे खनन करने पर विरोधी आवाजें बुलंद नहीं होती होंगी | अरे जनाब! माफियाओं की भी रोजी-रोटी अथवा काम धंधा चलना चाहिए, क्योंकि यदि इन खनन माफियाओं के खिलाफ उनकी मुखालफत करने वालों के तेवर बुलंद होते रहेंगे, तो ऐसे में उनका काम-धंधा तो चौपट होकर रह जाएगा और उनके सामने भी रोजी रोटी का संकट हो जाएगा| तब उन्हें सरकार से गुहार लगाने को विवश होना पड़ेगा? उत्तराखंड में खनन माफियाओं के विरुद्ध मोर्चा खोलने वालों की कमी नहीं है | यह ऐसे माफिया हैं, जो कि आज...
दून की यातायात बदहाली को नहीं सुधार पा रहे  पुलिस के आला अफसर  करीब एक दशक में यातायात व्यवस्था सुधार को बनाए गए दर्जनों ट्रैफिक प्लान हो चुके हैं धराशाई

दून की यातायात बदहाली को नहीं सुधार पा रहे पुलिस के आला अफसर करीब एक दशक में यातायात व्यवस्था सुधार को बनाए गए दर्जनों ट्रैफिक प्लान हो चुके हैं धराशाई

उत्तराखण्ड
दून की यातायात बदहाली को नहीं सुधार पा रहे पुलिस के आला अफसर करीब एक दशक में यातायात व्यवस्था सुधार को बनाए गए दर्जनों ट्रैफिक प्लान हो चुके हैं धराशाई देहरादून-  उत्तराखंड राज्य की राजधानी दून में यातायात की समस्या इतनी बुरी तरह से चरमराई हुई है कि सुबह होते ही शहरी क्षेत्र की सड़कों पर जाम ही जाम नजर आने लगता है | यह सिलसिला देर शाम तक रुकता नहीं है और बदस्तूर जारी रहता है| जाम का झाम जी का जंजाल बनता जा रहा है | हैरानी की बात यह है कि यातायात व्यवस्था को सुधारने एवं व्यवस्थित करने के लिए पिछले करीब एक दशक अथवा 10 वर्षों में दर्जनों ट्रैफिक प्लान बनाए गए और उन्हें धरातल पर उतारकर कई रूट डाइवर्ट करके पुलिस महकमे के आला अफसरों ने सकारात्मक व सुविधाजनक करने के प्रयास किए, लेकिन ट्रैफिक सुधार के यह प्लान विफल ही साबित हुए|नतीजा यह रहा कि जनता और वाहन चालकों को जाम के कारण घंटो-घंटो तक ...
“माफियाओं” के चंगुल में है दून के “पब्लिक स्कूल”

“माफियाओं” के चंगुल में है दून के “पब्लिक स्कूल”

उत्तराखण्ड
"माफियाओं" के चंगुल में है दून के "पब्लिक स्कूल" *प्रदेश सरकार की खामोशी और कड़े कदम न उठाने से बच्चों का भविष्य भी नहीं सुरक्षित *पब्लिक स्कूलों पर शिक्षा के माफियाओं का जकड़ रहा शिकंजा *निजी स्कूलों की मनमानी से अभिभावकों को हर वर्ष झेलनी पड़ती है मानसिक परेशानियां *सवालिया निशान : प्रवेश के नाम पर तथा अन्य कई चार्जेस लगाकर अभिभावकों से धन की लूट-खसोट को लेकर सरकार क्यों है मौन? *अफसरों और दलालों ने उत्तराखंड राज्य के निर्माण के बाद से शिक्षा को बना डाला व्यवसायिक देहरादून - शिक्षा के मंदिरों में मासूम बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा आज मूल शिक्षा की दिशा से भटक चुकी है, क्योंकि इन शिक्षा के मंदिरों में व्यवसायीकरण का बीज आज नहीं, बल्कि राज्य उत्तराखंड के निर्माण के समय ही बो दिया गया था, जिसके आज अंकुर फूटते रहते हैं I उत्तराखंड के पब्लिक स्कूलों में शिक्षा वास्तव में दल...
चंपावत सीट से उपचुनाव लड़ेंगे सीएम धामी, गहतोड़ी ने छोड़ी सीट, विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा इस्तीफा|

चंपावत सीट से उपचुनाव लड़ेंगे सीएम धामी, गहतोड़ी ने छोड़ी सीट, विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा इस्तीफा|

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चंपावत सीट से उपचुनाव लड़ेंगे सीएम धामी, गहतोड़ी ने छोड़ी सीट, विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा इस्तीफा| मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी किस सीट से उपचुनाव लड़ेंगे आखिरकार इस पर सस्पेंस खत्म हो गया है। कैलाश गहतोड़ी काफी पहले ही मुख्यमंत्री धामी के लिए सीट खाली करने का एलान कर चुके थे और अब सीएम के चंपावत सीट से चुनाव लड़ने पर मोहर लग गई है। सस्पेंस खत्म : चंपावत सीट से उपचुनाव लड़ेंगे सीएम धामी, गहतोड़ी ने छोड़ी सीट, विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा इस्तीफा न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून Published by: रेनू सकलानी Updated Thu, 21 Apr 2022 09:52 AM IST सार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी किस सीट से उपचुनाव लड़ेंगे आखिरकार इस पर सस्पेंस खत्म हो गया है। कैलाश गहतोड़ी काफी पहले ही मुख्यमंत्री धामी के लिए सीट खाली करने का एलान कर चुके थे और अब सीएम के चंपावत सीट से चुनाव लड़ने पर मोहर लग गई है। विधानसभा ...