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बागेश्वर की ममता ने भरी ‘आत्मबल की उड़ान’, पहाड़ों की सड़कों पर ‘सपनों का सफर’!

बागेश्वर की ममता ने भरी ‘आत्मबल की उड़ान’, पहाड़ों की सड़कों पर ‘सपनों का सफर’!

हर महिला के मन में इच्छा होती है कि वह आत्मनिर्भर बने. लेकिन, बड़ा सच यह भी है कि इसके लिए हर कोई हिम्मत नहीं जुटा पातीं. मगर, पहाड़ों पर रहने वाली एक आम महिला ने बेड़ियों को तोड़ बड़ा हौसला दिखाया और आज वह चर्चा का विषय बनी हुई हैं. लोग उनके आत्मबल की प्रशंसा करते नहीं थक रहे
बागेश्वर. उत्तराखंड की पहली टैक्सी ड्राइवर रेखा पांडे के बाद बागेश्वरके जैनकरास पालडीछीना गांव की रहने वाली ममता जोशी भी महिला टैक्सी चालक के रूप में काम करती दिखाई दे रही हैं. वह रोज बागेश्वर से अल्मोड़ा को सवारी लेकर जाती हैं. आत्मविश्वास से भरी हुई ड्राइवर ममता टैक्सी चलाकर अपना घर चला रही हैं. आज बागेश्वर जिले की इस महिला टैक्सी चालक की लोग तारीफ करते नहीं थक रहे. इन्हें सोशल मीडिया में खूब वाहवाही मिल रही है.

22 वर्ष की ममता ने बातचीत में बताया कि वह मूल रूप से बागेश्वर जिले के जैनकरास, पालड़ीछीना क्षेत्र की रहने वाली हैं. उनका सुसराल जैनकरस में ही है. उनके पति सुरेश जोशी भी एक टैक्सी ड्राइवर हैं और उनकी एक 3 साल की बेटी है. वह पिछले एक हफ्ते से बागेश्वर से अल्मोड़ा के बीच टैक्सी चला रही हैं.

दरअसल, ममता जोशी के पति सुरेश जोशी लॉक डाउन से पहले किसी प्राइवेट सेक्टर में जॉब किया करते थे, लेकिन COVID के चलते उन्हें घर आना पड़ा. दोबारा नौकरी नहीं मिल सकी तो लॉकडाउन समाप्त होने के बाद खुद टैक्सी चलाने लगे, जिससे कुछ कमा सके. लेकिन, इस महंगाई के दौर में आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही थी. खेती-बारी में भी इतना नहीं हो पा रहा था कि अपने खाने के लिए हो जाए.

उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए दिल्ली से ब्यूरो रिपोर्ट !

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