देहरादून, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्निर्माण कार्यों को युद्धस्तर पर आगे बढ़ाने के लिए ग्राउंड जीरो पर कमान संभाली। सेरागांव और सहस्त्रधारा में आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में डीएम ने सभी विभागों के आला अधिकारियों के साथ आपदा से क्षतिग्रस्त परियोजनाओं, सड़कों, बिजली और पानी की व्यवस्था के पुनर्निर्माण कार्यों की गहन समीक्षा की। इस दौरान स्थानीय निवासियों और जनप्रतिनिधियों की समस्याओं को सुनकर त्वरित निर्देश जारी किए गए डीएम के कड़े निर्देश: हर प्रभावित तक पहुंचे राहतजिलाधिकारी सविन बंसल ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री के निर्देश, राज्य हित और आपदा न्यूनीकरण जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया कि जब तक प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति को राहत नहीं मिल जाती, विभागीय अधिकारी क्षेत्र में ही डटे रहेंगे। डीएम स्वयं पुनर्निर्माण कार्यों की निरंतर निगरानी कर रहे हैं।कार्लीगाड और मझेड़ा में बिजली, पानी और सड़क पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। डीएम ने मौके पर ही विभिन्न परियोजनाओं के लिए फंड स्वीकृत किए और शेष कार्यों के आंगणन एक सप्ताह के भीतर अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) को जमा करने को कहा।मलबा हटाने और विस्थापन के लिए विशेषज्ञ सर्वेआपदा प्रभावित क्षेत्रों में नदियों और गदेरों में जमा लाखों टन मलबे को हटाने के लिए डीएम ने स्वीकृति आदेश जारी किए। मलबा निस्तारण के लिए स्थान चिह्नित कर लॉट आवंटित किए गए हैं, और मानसून से पहले कार्य पूरा करने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके अतिरिक्त, कार्लीगाड और मझेड़ा में विस्थापन के लिए वाडिया संस्थान और आईआईटी रुड़की की विशेषज्ञ टीम उच्चस्तरीय भूवैज्ञानिक सर्वे करेगी, जिसकी रिपोर्ट शासन को प्रेषित की जाएगीप्रभावितों को बाजार दर पर किराया
डीएम ने आपदा से प्रभावितपरिवारों को बाजार दर पर मकान किराया उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। वर्तमान में 4,000 रुपये प्रतिमाह किराया दिया जा रहा है, लेकिन प्रभावितों की मांग पर इसे बाजार दरों के अनुरूप बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया। कार्लीगाड, मझेड़ा और सहस्त्रधारा में लगभग 5 परिवारों के मकान पूर्णतः या बड़े स्तर पर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जो अभी रहने योग्य नहीं हैं।पंचायत विभाग को फटकार,लोनिवि को सड़क खोलने का जिम्मापंचायत विभाग की लापरवाही पर नाराजगी जाहिर करते हुए डीएम ने आंतरिक पैदल रास्तों को तत्काल खोलने के निर्देश दिए और इसके लिए फंड स्वीकृत किया। साथ ही, लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) को आंतरिक सड़कों को मशीनों के माध्यम से खोलने के लिए मौके पर ही फंड स्वीकृति प्रदान की गई।मुख्यमंत्री की निगरानी, जिला प्रशासन संकल्पबद्धमुख्यमंत्री द्वारा आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हाल ही में दौरा करने के दौरान जनजीवन को सामान्य बनाने और मलबा निस्तारण के लिए युद्धस्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए गए थे। डीएम सविन बंसल ने कहा कि जिला प्रशासन इन निर्देशों के प्रति पूर्णतः संकल्पबद्ध है और प्रत्येक कार्य की उच्चस्तरीय मॉनिटरिंग की जा रही है समीक्षा बैठक में शामिल रहे अधिकारी समीक्षा बैठक में अपर जिलाधिकारी के.के. मिश्रा, उप जिलाधिकारी हरिगिरि, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मनोज कुमार, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार ढौंडियाल, अधीक्षण अभियंता लोनिवि ओमपाल, अभियंता विद्युत राकेश कुमार, पीएमजीएसवाई अधिकारी, जिला पंचायत सदस्य वीर सिंह चौहान, ग्राम प्रधान मझेड़ा राकेश जवाड़ी, बसवाड़ संजय राणा, फुलैत जय किशन ममगांई सहित अन्य जनप्रतिनिधि और संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।