शराब पर ओवर रेटिंग का खेल!
शराब पर ओवर रेटिंग का खेल!
दून में शराब माफियाओं के आगे महकमा क्यों है आखिर मौन?
बोतल पर पुराने रेट… और वसूले जा रहे नए वृद्धि दर वाले रेट
देहरादून – उत्तराखंड राज्य में जहां शराब के शौकीन कम नहीं है, वही ये शराब के शौकीन लोग पुराने दामों वाली शराब को नए वित्तीय वर्ष की वृद्धि दर वाली शराब की खरीदारी करने में ही मदमस्त है I माफियाओं की तो चांदी हो रही है और महकमा है कि वह मौन धारण किए हुए बैठा शराब माफियाओं की इस वसूली की ओर से अपनी आंखें मूंदे हुए बैठा है I राज्य की राजधानी देहरादून में शराब की दुकानों पर शराब माफियाओं का मनमर्जी का राज बेलगाम रूप में देखा जा रहा है I दून में अंग्रेजी शराब की लाइसेंसी दुकानों के लिए नए वित्तीय वर्ष के लिए शराब के दामों की नई सूची जारी हो चुकी है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि पुराने रेट वाली शराब के कोटे को दुकानों में अब भी रखकर उनके दामों से अधिक मूल्य अवैध रूप से वसूले जा रहे हैं I नए वित्तीय वर्ष प्रारंभ हुए करीब 2 सप्ताह का समय व्यतीत हो चुका है और बताया जा रहा है कि आज भी शराब की दुकानों पर पुराना कोटा रखा हुआ है, जो कि नई वृद्धि दर के हिसाब से सरेआम बेची जा रही है I
देहरादून में शराब की ओवर रेटिंग का जो खेल पिछले करीब 2 सप्ताह से चल रहा है, और शराब माफिया इस खेल में मालामाल हो रहे हैं, उससे संबंधित महकमा और शासन में बैठे अफसरान शायद अच्छी तरह से वाकिफ हैं, लेकिन शासन प्रशासन पर हावी बने बैठे शराब माफिया कोई भी एक्शन लेना गवारा नहीं समझ रहे हैं I ऐसे में इन शराब माफियाओं के हौसले बुलंदियों पर परवान चढ़ रहे हैं I शराब की ओवर रेटिंग करने में लगे शराब माफियाओं की हनक एवं दौलत की खनक के आगे आखिर किसकी चल पाई है? यह तो स्वयं मौजूदा वक्त ही बता रहा हैI शराब की दुकानों पर कुछ पुराना कोटा पूर्व में ही समायोजित करने का खेल नए वित्तीय वर्ष को देखते हुए तथा शराब के दामों में वृद्धि को देखते हुए शुरू हो चुका था और इसी के तहत शराब माफियाओं के मंसूबे काम करने लग गए थे I आखिरकार शराब की दुकानों के नवीनीकरण होने के बाद माफियाओं ने अपने इस खेल के तहत मनमानी करते हुए अब तक लाखों रुपए के वारे न्यारे अवैध रूप से कर लिए हैं I बताया जा रहा है कि अब भी ओवर रेटिंग पर यह शराब माफिया लाखों रुपए कमाने में जुटे हुए हैं और शासन को इसकी भनक तक शायद है ही नहीं I
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बार-बार इस बात को दोहरा रहे हैं कि उत्तराखंड को पूरी तरह से भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जाएगा, लेकिन कई विभागीय अधिकारी सरकार के मिशन अभियान अथवा लक्ष्य को पलीता लगाने में जुटे हुए हैं I जिसमें आबकारी विभाग अपनी भूमिका इसी लक्ष्य के विरुद्ध अपनाए हुए हैं I वैसे भी आबकारी विभाग पर अक्सर शराब माफियाओं को संरक्षण देने के आरोप लगते रहते हैं तथा इसके एवज में माफियाओं के जहां वारे न्यारे समय-समय पर होते रहे है, वही दूसरी ओर आबकारी विभाग भी इसमें संलिप्त होने से नहीं बच पाया है I
उत्तराँचल क्राइम न्यूज़ के लिए कृपाल सिंह के साथ ब्यूरो रिपोर्ट।