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स्वास्थ्य सुविधाओं का जनता को मिल रहा अधूरा लाभ?

स्वास्थ्य सुविधाओं का जनता को मिल रहा अधूरा लाभ?

*बदहाल व्यवस्थाएं संबंधित महकमे एवं सरकार की कार्यशैली पर लगाती रही है सवालिया निशान?

*आम व गरीब जनता से कोसों दूर रहती है सरकारी सुविधाएं

देहरादून-  समूचे उत्तराखंड राज्य में बदहाल बनी हुई स्वास्थ्य सुविधाएं आज की नहीं, बल्कि वर्षों से इसी तरह की बदस्तूर रूप में चली आ रही है, सरकार भले ही आए दिन स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ जनता तक पहुंचाने का गुणगान तथा घोषणाएं करती रही हो, लेकिन वास्तविकता यह सामने आ रही है कि सरकार की इन स्वास्थ्य सुविधाओं का पूर्ण लाभ गरीबों एवं आमजन मरीजों को अक्सर नहीं मिल पाता है |
उत्तराखंड राज्य के सभी 13 जिलों में सरकार द्वारा बहुत सारे स्वास्थ्य केंद्र एवं जिला सरकारी चिकित्सालय स्थापित किए गए हैं और वहां पर आम जनता को सभी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिए जाने के दिशा निर्देश भी संबंधित विभाग को दिए गए हैं , यही नहीं, सरकार की ओर से समय-समय पर जनता को चिकित्सा सुविधाओं का लाभ दिए जाने हेतु स्वास्थ्य महानिदेशक को सीधे निर्देश भी दिए जाते हैं, लेकिन हालात आज भी बदतर है और बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं का बोलबाला मुख्य रूप से पर्वतीय जिलों के स्वास्थ्य केंद्रों पर बना हुआ है | सरकार की प्रसूति महिलाओं के लिए खुशियों की सवारी सेवा पर भी जहां सवालिया निशान खड़े होते रहते हैं, वहीं दूसरी ओर सरकारी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों को बाहर की दवाइयां भी लिखे जाने अथवा लेने के मामले सामने आते रहे हैं, जबकि सरकार द्वारा बार-बार यह कहा जाता रहा है कि मरीजों को बाहर की दवाइयां चिकित्सक नहीं लिखे, और चिकित्सालय केंद्रों से सभी दवाइयां मरीजों को उपलब्ध कराई जाए|सरकार के दिशानिर्देशों का अनुपालन यह स्वास्थ्य केंद्र और प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में बैठे चिकित्सक आखिर क्यों नहीं कर रहे हैं ?यह एक बड़ा सवाल स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर है |मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में पर्वतीय क्षेत्र की एक प्रसूति महिला को जब उसके कुछ परिवार जन सरकारी चिकित्सालय ले गए तो वहां कुछ दिन रखने के बाद चिकित्सकों ने यह कह कर हायर रेफर कर दिया था कि महिला का ऑपरेशन होना है| इस पर परेशान प्रसूति महिला के परिवार जन महिला को अन्य चिकित्सक के यहां ले गए और वहां पर उसकी नॉर्मल डिलीवरी के साथ एक बालक जन्मा, तो सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों की कार्यशैली पर स्वयं ही सवालिया निशान लग गया कि आखिर प्रस्तुति महिला को ऑपरेशन बता कर क्यों हायर रेफर कर दिया गया था? यही एक ऐसा मामला सामने नहीं आया है, बल्कि और भी कई मामले स्वास्थ्य सुविधाओं में लापरवाही बरतने एवं मरीजों को उनका लाभ न दिए जाने के समय-समय पर सामने आते रहे हैं |

उत्तरांचल क्राईम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |

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