सुप्रीम कोर्ट ने CAA को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई 19 सितंबर तक की स्थागित |
केरल सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर एक्ट पर रोक लगाने की मांग की। हालांकि, शुरूआत से ही केरल सरकार सीएए का विरोध कर रही हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र का पक्ष जाने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई 19 सितंबर तक के लिए टाल दी हैं। सोमवार को 220 याचिकाओं पर चीफ जस्टिस यूयू ललित और एस रवींद्र भट की पीठ को सुनवाई करनी थी।
कोर्ट में सीएए के खिलाफ दायर याचिकाओं पर 18 दिसंबर 2019 को सबसे पहले सुनवाई हुई थी। 15 जून 2021 को आखिरी बार सुनवाई हुई थी। उल्लेखनीय है कि सीएए के तहत पड़ोसी देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश से 31 दिसंबर, 2014 या उससे पहले भारत आए गैर-मुस्लिमों जैसे हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी को भारत की नागरिकता दी जा सकती है।
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बता दें कि, संसद ने 11 दिसंबर 2019 को नागरिकता अधिनियम (सीएए) पारित किया था। उस दौरान पूरे देश में अधिनियम को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए। 10 जनवरी 2020 को देश में विरोध े बीच एक्ट को लागू कर दिया। कोर्ट में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी, केरल का राजनीतिक दल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश, गैर सरकारी संगठन रिहाई मंच आदि शामिल हैं।
केंद्र ने दायर किया था हलफनामा
मार्च 2020 में केंद्र सरकार ने कोर्ट में सीएए को लेकर हलफनामा दायर करते हुए कहा कि यह अधिनियम किसी भी भारतीय नागरिक के कानूनी, धर्मनिरपेक्ष एवं लोकतांत्रिक अधिकारों को प्रभावित नहीं करता है। साथ ही किसी के मौलिक अधिकार का भी
उत्तराँचल क्राइम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |