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उत्तराखंड में बारिश के कारण टिहरी झील का लगातार बढ़ने लगा जलस्तर ,बारिश के कारण उत्तराखंड की 195 मोटर मार्ग बंद |

उत्तराखंड में बारिश के कारण टिहरी झील का लगातार बढ़ने लगा जलस्तर ,बारिश के कारण उत्तराखंड की 195 मोटर मार्ग बंद |

उत्तराखण्ड
उत्तराखंड में बारिश के कारण टिहरी झील का लगातार बढ़ने लगा जलस्तर ,बारिश के कारण उत्तराखंड की 195 मोटर मार्ग बंद | पहाड़ से लेकर मैदान तक शुक्रवार को भारी बारिश हुई। बारिश के कारण टिहरी झील का जलस्तर लगातार बढ़ने लगा है। शुक्रवार को जलस्तर आरएल 757.35 मीटर पहुंचा। दूसरी ओर बारिश से उत्तराखंड की 195 मोटर मार्ग बंद हैं। जबकि 11 स्टेट हाईवे पर भी आवाजाही ठप है। इसके अलावा 67 ग्रामीण सड़कें नहीं खोली जा सकीं हैं। देहरादून, नैनीताल, पौड़ी, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत, ऊधमसिंह नगर में मौसम विभाग ने शुक्रवार को भारी बारिश के आसार है। इसको देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, इन जिलों में ज्यादातर इलाकों में तेज गर्जना के साथ भारी बारिश की संभावना जताई गई थी, कुछ जिलों में सुबह से कोहरा छाया रहा, जबिक दोपहर बाद तेज बारिश शुरू हुई। उधर, पिथौरागढ़ में भारी भूस्खलन से कई...
उत्तराखंड में बारिश का कहर से बद्रीनाथ हाईवे सहित चमोली की 21 सड़कें बंद|

उत्तराखंड में बारिश का कहर से बद्रीनाथ हाईवे सहित चमोली की 21 सड़कें बंद|

उत्तराखण्ड
उत्तराखंड में बारिश का कहर से बद्रीनाथ हाईवे सहित चमोली की 21 सड़कें बंद| प्रदेश में बारिश का कहर सड़कों पर जारी है। चमोली जिले की 21 सड़कों के बंद होने से आवाजाही मुश्किल हो गई है। मौसम विभाग ने आज देहरादून सहित कई जिलों भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। उधर, बदरीनाथ हाईवे टैय्या पुल और लामबगड़ के समीप खचड़ा नाले में देर रात से ही बंद पड़ा हुआ है। बुधवार देर रात से शुरू हुई बारिश गुरुवार तड़के थमी, लेकिन भूस्खलन और मलबे से बदरीनाथ हाईवे सहित चमोली की 21 सड़कें बंद हो गई है। वहीं उत्तराखंड में मौसम विज्ञान केंद्र ने आज देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल और अल्मोड़ा जिलों में आंधी के साथ तेज बारिश की संभावना जताई है। हालांकि अभी तक प्रदेश में मौसम साफ है। चमोली जनपद में बारिश से 21 ग्रामीण सड़कें बंद हैं। बदरीनाथ हाईवे टैय्या पुल और लामबगड़ के समीप खचड़ा नाले में देर रात से ही...
पुलिस के लिए पहेली बनी रिवाल्वर की कहानी, 23 साल बाद अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज |

पुलिस के लिए पहेली बनी रिवाल्वर की कहानी, 23 साल बाद अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज |

उत्तराखण्ड
पुलिस के लिए पहेली बनी रिवाल्वर की कहानी, 23 साल बाद अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज | हत्या में इस्तेमाल की गई रिवाल्वर के गायब होने का मामला उलझता चला गया। कई कोशिशों के बावजूद पुलिस की उम्मीदों पर पानी फिर गया। वर्ष 1999 में बैलेस्टिक एक्सपर्ट की जांच के लिए रिवाल्वर फोरेंसिक लैब आगरा भेजी गई थी। वर्ष 1999 में दर्ज हत्या की कोशिश के मुकदमे में बरामद रिवाल्वर के गायब होने का मामला पुलिस के लिए एक पहेली बनकर रह गया है। उस समय बैलेस्टिक जांच के लिए पुलिस लाइन से रिवाल्वर रिसीव करने वाले एसआई 80 वर्ष के हो चुके हैं। उन्हें कुछ याद नहीं है। घटना के दौरान के अभिलेख आमद एवं रवानगी जीडी से जुड़े रिकॉर्ड 2005 में ही नष्ट किए जा चुके हैं। ऐसे में पुलिस की इस उम्मीद पर भी पानी फिर गया। मामले में देहरादून से बुलंदशहर तक पत्राचार हुआ, लेकिन उसका नतीजा भी सिफर रहा। अब जांच अधिकारी की सिफारिश पर इस...
रानीखेत में होने वाली अग्निवीरों की भर्ती की तैयारियों को लेकर कलक्ट्रेट में हुई बैठक |

रानीखेत में होने वाली अग्निवीरों की भर्ती की तैयारियों को लेकर कलक्ट्रेट में हुई बैठक |

उत्तराखण्ड
रानीखेत में होने वाली अग्निवीरों की भर्ती की तैयारियों को लेकर कलक्ट्रेट में हुई बैठक | एक ओर जहां प्रदेश में अग्निवीरों की भर्ती शुरू होने जा रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं । बुधवार को नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने इस संबंध में पत्रकारवार्ता की। रुद्रपुर में पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने योजना को युवाओं के साथ छल बताया। सेना में अग्निवीरों की भर्ती का इंतजार कर रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। अगस्त में रानीखेत में होने वाली अग्निवीरों की भर्ती की तैयारियों को लेकर कलक्ट्रेट में हुई बैठक में डायरेक्टर रिक्रूटमेंट आदित्य मिश्रा ने जिलाधिकारी वंदना सिंह से भर्ती के दौरान प्रशासन से सहयोग मांगा। डायरेक्टर रिक्रूटमेंट ने कहा कि भर्ती रैली में काफी संख्या में अभ्यर्थी पहुंचते हैं। अभ्यर्थियों की भर्ती में पात्रता संबंधी कई कठिनाइयां सामने आती हैं। उन्होंने ...
केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह की वीडियो वायरल होने पर तीर्थपुरोहितों ने जताई कड़ी आपत्ति |

केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह की वीडियो वायरल होने पर तीर्थपुरोहितों ने जताई कड़ी आपत्ति |

उत्तराखण्ड
केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह की वीडियो वायरल होने पर तीर्थपुरोहितों ने जताई कड़ी आपत्ति | बीते दिनों केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह की वीडियो वायरल होने पर तीर्थपुरोहितों ने कड़ी आपत्ति जताई थी। बदरी-केदार मंदिर समिति की ओर से इस संबंध में मुख्य सचिव को मंदिरों के निकट क्लॉक रूम बनाने का सुझाव दिया गया है। केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह की वीडियो वायरल होने के बाद एक ओर जहां बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने इसकी जांच बैठाई है तो दूसरी ओर उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र भेजा है। उन्होंने मांग की है कि बदरीनाथ और केदारनाथ में मंदिर से कुछ दूरी पर तीर्थयात्रियों के लिए क्लॉक रूम बनाकर उनके मोबाइल, पर्स, कैमरे रखने की व्यवस्था की जाए। बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू को पत्र लिखकर केदारनाथ और बदरीनाथ मंदिरों के निकट क्लॉक रूम बनाने का सुझाव दिय...
बारिश पहाड़ों से लेकर मैदान तक आफत बनकर टूट रही|

बारिश पहाड़ों से लेकर मैदान तक आफत बनकर टूट रही|

उत्तराखण्ड
बारिश पहाड़ों से लेकर मैदान तक आफत बनकर टूट रही| बारिश पहाड़ों से लेकर मैदान तक आफत बनकर टूट रही है। मंगलवार रात से जारी बारिश से नदी नाले उफान पर आ गए हैं। सड़कें मलबे से पटी हैं। जबकि कई घरों में पानी घुसने से जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया। प्रदेश में कई जगह सड़कें बंद होने से आवाजाही भी ठप हो गई है। केदारनाथ हाइवे सुचारू है, लेकिन बदरीनाथ हाइवे सिरोहबगड़ में बंद है। वहीं यमुनोत्री हाईवे को खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। उत्तरकाशी नौगांव में मंगलवार रात को हुई तेज बारिश से सौली खड्ड और देवलसारी खड्ड में आए पानी और मलबे से भारी नुकसान हुआ है। सौली खड्ड के उफान में एक बाइक बह गई। जबकि एक पिकअप मलबे में दब गया। यहां नगर पंचायत के दो शौचालय भी बह गए। वहीं देवलसारी खड्ड के उफान में एक पिकअप, मिक्सचर मशीन और हैंडपंप मलबे में दब गया। वहीं चमनी देवी और प्यारी देवी के घरों में पानी घुस गया...
उत्तराखंड में ब्रह्म कमल तय समय से पूर्व खिलने लगे और फूलों की घाटी भी समय से पहले फूलों से भर गई |

उत्तराखंड में ब्रह्म कमल तय समय से पूर्व खिलने लगे और फूलों की घाटी भी समय से पहले फूलों से भर गई |

उत्तराखण्ड
उत्तराखंड में ब्रह्म कमल तय समय से पूर्व खिलने लगे और फूलों की घाटी भी समय से पहले फूलों से भर गई | उत्तराखंड में ब्रह्म कमल, फूलों की घाटी में फूलों की दर्जनों प्रजातियों पर भी असर। दुनिया में साढ़े चार लाख और भारत में 40,000 से ज्यादा प्रजातियां।अब वनस्पतियों पर भी जलवायु परिवर्तन का असर दिखने लगा है। अब तय समय से पहले फूल खिलने लगे हैं। साथ ही उनके रंग और खुशबू में भी अंतर दिखाई देने लगा है। यह जलवायु परिवर्तन ही कारण रहा कि उत्तराखंड में ब्रह्म कमल तय समय से पूर्व खिलने लगे और फूलों की घाटी भी समय से पहले फूलों से भर गई। भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के वैज्ञानिकों की मानें तो पूरी दुनिया में साढ़े चार लाख ऐसी वनस्पतियां पाई जाती हैं, जिसमें फूल खिलते हैं। इनमें से 40,000 प्रजातियों की वनस्पतियां भारत में पाई जाती हैं। 20 हजार प्रजातियां ऐसी हैं, जिसमें तय समय पर फूल खिलते हैं। निश्चित ता...
उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में भारी बारिश के बाद नदियां उफान पर |

उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में भारी बारिश के बाद नदियां उफान पर |

उत्तराखण्ड
उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में भारी बारिश के बाद नदियां उफान पर उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में भारी बारिश के बाद नदियां उफान पर है। नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। काली नदी का जलस्तर चेतावनी लेवल के पार पहुंच गया है। प्रशासन ने अर्ल जारी किया है। उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में भारी बारिश के बाद नदियां ऊफान पर हैं। नदियों के जलस्तर बढ़ने से किनारों पर रह रहे लोगों की नींद भी उड़ गई है। पिथौरागढ़ के धारचूला में लगतार बारिश हो रही है। बारिश के बाद काली नदी का जलस्तर चेतावनी लेवल से पार चला गया है। धारचूला में काली नदी का चेतावनी लेवल 889 है, जबकि नदी 889.15 पर बह रही है। नदी के तेज प्रवाह को देख तट पर बसे लोगों में भय बना हुआ है। मानसून में भारी बारिश को देखते हुए प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ गया है। तो दूसरी ओर, सरकार ने 30 सितंबर तक कर्मचारियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी है। आपदा के समय रिस्...
राजधानी देहरादून में पुराने भवनों पर बरसात का डर, नगर निगम ने किया नोटिस जारी |

राजधानी देहरादून में पुराने भवनों पर बरसात का डर, नगर निगम ने किया नोटिस जारी |

उत्तराखण्ड
राजधानी देहरादून में पुराने भवनों पर बरसात का डर, नगर निगम ने किया नोटिस जारी | उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में जर्जर और पुराने भवनों का डर बरसात में ज्यादा होता है, क्योंकि अक्सर इन दिनों में ही अतिवृष्टि या अन्य कारणों के चलते ये इमारतें खतरा बन जाती हैं. इस बार भी शहर में ब्रिटिश काल की इमारतें हादसों को दावत दे रही हैं. ये इमारतें खतरे का निशानी इसलिए हैं, क्योंकि ये शहर के बीचोंबीच ऐसी जगहों पर स्थित हैं, जहां लोगों का आना-जाना लगा रहता है. ऐसे में इन गिरासू भवनों के खौफ के साये में लोग आवाजाही करते हैं. देहरादून नगर निगम के मुताबिक, राजधानी में वर्तमान में 45 गिरासू भवन मौजूद हैं, जिनमें से कई खाली पड़े हैं तो कुछ में लोग रह रहे हैं. नगर निगम की तरफ से इन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है, लेकिन संपत्ति विवाद और न्यायालय में मामले लंबित होने के चलते ये जर्जर भवन ज्यों के त्यों पड़े ह...
व्यासी परियोजना को मिली नई जान, दोनों टरबाइन चलीं, दस लाख यूनिट से ऊपर उत्पादन |

व्यासी परियोजना को मिली नई जान, दोनों टरबाइन चलीं, दस लाख यूनिट से ऊपर उत्पादन |

उत्तराखण्ड
व्यासी परियोजना को मिली नई जान, दोनों टरबाइन चलीं, दस लाख यूनिट से ऊपर उत्पादन | प्रदेश में बारिश राहत बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए राहत लेकर आई। यमुना पर बनी व्यासी जल विद्युत परियोजना की दोनों टरबाइन चलने के बाद यहां से रोजाना बिजली उत्पादन भी बढ़कर 1.159 मिलियन यूनिट तक पहुंच गया है। प्रदेश में बारिश होने के साथ ही व्यासी परियोजना को नई जान मिल गई है। अब यहां की दोनों टरबाइन चलनी शुरू हो गई हैं। इसके साथ ही बिजली का उत्पादन भी यहां प्रतिदिन दस लाख यूनिट पार होने लगा है। उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड के लिए शुरुआती बारिश राहत लेकर आई है। जिन परियोजनाओं पर पानी की किल्लत का असर था, उनकी रफ्तार बढ़ने लगी है। यमुना पर बनी व्यासी जल विद्युत परियोजना की दोनों टरबाइन चलने के बाद यहां से रोजाना बिजली उत्पादन भी बढ़कर 1.159 मिलियन यूनिट तक पहुंच गया है। उधर, रामगंगा जल विद्युत परियोजना को ...