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राजधानी देहरादून में पुराने भवनों पर बरसात का डर, नगर निगम ने किया नोटिस जारी |

राजधानी देहरादून में पुराने भवनों पर बरसात का डर, नगर निगम ने किया नोटिस जारी |

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में जर्जर और पुराने भवनों का डर बरसात में ज्यादा होता है, क्योंकि अक्सर इन दिनों में ही अतिवृष्टि या अन्य कारणों के चलते ये इमारतें खतरा बन जाती हैं. इस बार भी शहर में ब्रिटिश काल की इमारतें हादसों को दावत दे रही हैं. ये इमारतें खतरे का निशानी इसलिए हैं, क्योंकि ये शहर के बीचोंबीच ऐसी जगहों पर स्थित हैं, जहां लोगों का आना-जाना लगा रहता है. ऐसे में इन गिरासू भवनों के खौफ के साये में लोग आवाजाही करते हैं.

देहरादून नगर निगम के मुताबिक, राजधानी में वर्तमान में 45 गिरासू भवन मौजूद हैं, जिनमें से कई खाली पड़े हैं तो कुछ में लोग रह रहे हैं. नगर निगम की तरफ से इन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है, लेकिन संपत्ति विवाद और न्यायालय में मामले लंबित होने के चलते ये जर्जर भवन ज्यों के त्यों पड़े हैं.

जानें कहां है जर्जर इमारतें

देहरादून में झंडा बाजार, पुरानी सब्जी मंडी, आढ़त बाजार, घोसी गली, धारा चौकी, चकराता रोड, चाट गली, इनामुल्लाह बिल्डिंग, तिलक रोड स्थित बने जर्जर भवन आम जनता की जान को खतरा हो सकते हैं. घोसी गली में रहने वाले हाजी मोहम्मद अख्तर ने कहा कि बरसात में यह गली दो जर्जर भवनों की वजह से आने-जाने वाले लोगों के लिए खतरा बन जाती है. उन्होंने मांग की है कि इन दोनों इमारतों को गिरा देना चाहिए ताकि कोई हादसा न हो.

देहरादून के उपनगर आयुक्त रोहिताश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि पहले 42 ऐसे जर्जर भवन थे, जिन्हें नोटिस जारी किया गया था. इस बार नगर निगम द्वारा सर्वे किया गया, जिसमें तीन ऐसे और भवन पाए गए जिनके मालिकों को इन भवनों को खाली करवाकर तुड़वाने के निर्देश दिए गए हैं.

चार साल पहले जमींदोज हुई थी पुरानी इमारत

6 अगस्त 2018 को तहसील चौक के पास एक गिरासू भवन जमींदोज हो गया था. गनीमत यह रही कि घटना तड़के सुबह हुई थी, उस दौरान वहां कोई मौजूद नहीं था, इसीलिए किसी को कोई चोट नहीं आई.

उत्तराँचल क्राइम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |

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