पेयजल विभाग में है कर्मचारियों का टोटा
पेयजल विभाग में है कर्मचारियों का टोटा|
देहरादून – पेयजल विभाग में कर्मचारियों का टोटा अथवा कमी बताई जा रही है, जिससे कि पेयजल आपूर्ति की समस्या एवं अन्य मामलों के समाधान होने में विलंब होता है और जनता की संबंधित विभाग को खरी-खोटी सुनने को मिलती रहती है | विभाग के कुछ अधिकारियों का कहना है कि उनके विभाग में समस्याओं का समाधान करने और संबंधित कार्य करने में कर्मचारियों की कमी होने के कारण कुछ विलंब होता रहता है, लेकिन सारे काम तत्परता के साथ किए जाते हैं , कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाती है |
*राजधानी दून में अनेक स्थानों पर लगाए गए हैंड पंप खा रहे जंग
*पर्यटन सीजन और चार धाम यात्रा को देखते हुए सरकार के सामने है पेयजल समस्या एक चुनौती
*मुख्यमंत्री ने स्वयं माना कि गर्मियों में पानी की समस्या बन जाती है बड़ी चुनौती
देहरादून – उत्तराखंड की राजधानी दून में जैसे ही गर्मियां शुरू होती है, वैसे ही पेयजल का संकट गहराने लगता है और जनता पानी के लिए प्यासी हो जाती है | पानी की समस्या को लेकर पेयजल विभाग की सुस्ती भी कम होने का नाम नहीं लेती | जिस कारण स्थानीय जनता ही पानी को नहीं तरसती, बल्कि पर्यटन सीजन के इन दिनों में पर्यटकों को भी खासी परेशानी उठानी पड़ती है | मुख्य बात यह है कि प्रदेश सरकार गर्मियों में पेयजल की समस्या को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश पेयजल किल्लत न होने को लेकर अनेक बार देती है, ताकि जनता और आने वाले पर्यटकों एवं चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को पानी की समस्या का सामना न करना पड़े I राजधानी में भीषण गर्मी का प्रकोप शुरू हो चुका है और इसी के साथ यहां पर पानी की समस्या देखने को मिलने लग गई है|अनेक स्थानों पर पानी की दिक्कत होने पर लोग परेशान होने लग गए हैं |राजधानी के कई वार्ड क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पर पानी की समस्या शुरू हो गई है| खासतौर से मलिन बस्तियों तथा पॉश कॉलोनियों में यह समस्या प्रारंभ हो गई है I हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने समय रहते पेयजल की समस्या तथा उससे पैदा होने वाली चुनौती को देखते हुए पेयजल विभाग के अधिकारियों को तलब करके महत्वपूर्ण बैठक की है और कड़े एवं आवश्यक दिशा निर्देश पेयजल विभाग के अधिकारियों को दे दिए हैं स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बात को स्वीकार किया है कि गर्मियों में पेयजल समस्या का समाधान एक बड़ी चुनौती हो जाता है , मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा को देखते हुए भी पेयजल विभाग के अफसरों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं कि किसी भी प्रकार की पेयजल समस्या श्रद्धालुओं को नहीं होनी चाहिए ,अब अपने आका मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश जारी होने पर पेयजल विभाग के अधिकारियों की सांसे फूलने लग गई है और उनमें हड़बड़ाहट देखने को मिलने लगी है, लेकिन आका के दिशानिर्देशों के मिलने के बाद अब अफसरों को अपनी सुस्ती को त्यागना ही पड़ेगा , वरना सरकार के हंटर से अधिकारियों को कोई नहीं बचा सकता |मुख्यमंत्री के जारी हुए फरमान को लेकर हालांकि अधिकारी अलर्ट हो गए हैं और पानी की समस्या न होने को लेकर आवश्यक कदम उठाने की तैयारी मैं जुट चुके हैं|मुख्य बात यह भी है कि राजधानी के अनेक स्थानों पर जनता को पानी की सुविधा देने एवं समस्या के समाधान को लेकर हैंड पंप लगाए गए थे लेकिन करीब करीब सभी आज जंग खा रहे हैं जो कि संबंधित विभाग की सुस्ती और लापरवाही को निश्चित रूप से जग जाहिर कर रहे हैं | बहरहाल, पेयजल की समस्या प्रारंभ हो चुकी है और गर्मियों के इन दिनों में अधिकारियों की सांसे भी फूलनी शुरू हो गई है|
उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |