उत्तराखंड: विधायक ने मंत्री के सामने फाड़ा जांच का आदेश, समर्थकों के साथ धरने पर बैठे
उत्तराखंड: विधायक ने मंत्री के सामने फाड़ा जांच का आदेश, समर्थकों के साथ धरने पर बैठे
उत्तरकाशी जिले के दो अलग-अलग वन प्रभागाें में तैनात डीएफओ दंपती को हटवाने की मांग को लेकर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और भाजपा के पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल के बीच तीखी बहस हो गई। बात यहां तक बढ़ गई कि जिस कागज पर वन मंत्री ने जांच के आदेश दिए थे, विधायक ने मंत्री के सामने ही वह कागज फाड़कर हवा में उछाल दिया। इसके बाद अपने समर्थकों के साथ मंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठ गए। देर शाम विधायक मुख्यमंत्री से मिले और पूरे प्रकरण से अवगत कराया।
उत्तरकाशी जिले के तहत यमुना घाटी के गोविंद वन्यजीव विहार एवं राष्ट्रीय पार्क और अपर यमुना टौंस वन प्रभाग में डीएफओ दंपती कार्यरत हैं। विधायक दुर्गेश्वर लाल का आरोप है कि दोनों डीएफओ जानबूझकर उनके लोगों को परेशान कर रहे हैं। विकास के कार्यों पर जानबूझकर अड़ंगा लगा रहे हैं। टूर ऑपरेटरों को भी परेशान किया जा रहा है। उनके लोगों पर मुकदमा दर्ज कराए जा रहे हैं।
इसी बात की शिकायत लेकर पुरोला विधायक मंगलवार सुबह कुछ लोगों के साथ वन मंत्री सुबोध उनियाल के आवास पर पहुंचे। उन्होंने वन मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा। वन मंत्री ने प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) अनूप मलिक को भी मौके पर बुला लिया। वन मंत्री ने विधायक के ज्ञापन पर ही प्रकरण की जांच के लिए सीसीएफ गढ़वाल को लिख कर हॉफ को सौंप दिया। यह देख विधायक ने मंत्री के सामने ही हॉफ के हाथों से आदेश का कागज छीनकर फाड़ दिया। इसके बाद सभी नारेबाजी करते हुए बाहर आ गए और मंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठ गए। इस दौरान उन्होंने मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
विधायक ने कहा वन मंत्री सुबोध उनियाल ने वन विभाग को ईस्ट इंडिया कंपनी बना दिया है। जहां उनकी मनमर्जी चलती है। उनके क्षेत्र में विकास के जितने भी कार्य हो रहे थे, डीएफओ ने जांच के नाम पर सब बंद करा दिए हैं। जल जीवन मिशन तक के काम रुकवा दिए हैं। मंत्री ने भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा के साथ भी फोन पर बदतमीजी से बात की थी।
पुरोला भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल, ने कहा दोनों डीएफओ ने जनता को परेशान कर रखा है। मैं शिकायत लेकर मंत्री के आवास पर पहुंचा था, लेकिन मंत्री की ओर से मेरे साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया गया। मेरे साथ गाली गलौच तक की गई और धक्के देकर बाहर कर दिया गया। मैं अपने क्षेत्र की जनता को क्या जवाब दूंगा। मैंने मुख्यमंत्री से मिलकर पूरे प्रकरण से अवगत करा दिया है। उन्होंने सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
वन मंत्री सुबोध उनियाल, ने बताया मैंने किसी के साथ गाली गलौच या धक्कामुक्की नहीं की। विधायक सरासर झूठ बोल रहे हैं। वह मेरे पास डीएफओ हटाने की मांग को लेकर आए थे। भारतीय वन सेवा के अधिकारी को ऐसे ही सिर्फ शिकायत पर नहीं हटा सकते। उनकी बात सुनने के बाद मैंने हॉफ को बुलाया था। उन्हें जांच के लिए कागज भी सौंप दिया था। जिसमें प्रकरण की जांच के लिए सीसीएफ गढ़वाल के लिए लिखा था, लेकिन विधायक ने मेरे सामने ही हॉफ के हाथ से कागज छीनकर फाड़ दिया। ऐसा व्यवहार एक विधायक को शोभा नहीं देता है।
उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट |