Wednesday, October 29News That Matters

महिला क्षैतिज आरक्षण के अध्यादेश का ड्राफ्ट तैयार, राज्यपाल की मंजूरी के बाद होगा लागू|

महिला क्षैतिज आरक्षण के अध्यादेश का ड्राफ्ट तैयार, राज्यपाल की मंजूरी के बाद होगा लागू|

नैनीताल उच्च न्यायालय की महिला क्षैतिज आरक्षण के शासनादेश पर रोक लगाने के बाद सरकार ने अध्यादेश लाने का फैसला किया। क्षैतिज आरक्षण बहाल कराने के लिए पिछले दिनों प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में अध्यादेश लाने पर सहमति बनी थी।

उत्तराखंड की महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के लिए अध्यादेश का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। अगले हफ्ते अध्यादेश का ड्राफ्ट विधायी विभाग को भेजा जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी के बाद राज्य में महिला क्षैतिज आरक्षण का कानून बन जाएगा।

नैनीताल उच्च न्यायालय की महिला क्षैतिज आरक्षण के शासनादेश पर रोक लगाने के बाद सरकार ने अध्यादेश लाने का फैसला किया। क्षैतिज आरक्षण बहाल कराने के लिए पिछले दिनों प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में अध्यादेश लाने पर सहमति बनी थी। साथ ही कोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गई।
कैबिनेट की सहमति के बाद कार्मिक सतर्कता विभाग अध्यादेश का ड्राफ्ट तैयार करने में जुट गया। सूत्रों के मुताबिक, अध्यादेश का मसौदा तैयार हो गया है और अगले हफ्ते इसे विधायी विभाग को भेजा जाएगा। विधायी विभाग के माध्यम से अध्यादेश राजभवन जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह अधिनियम बन जाएगा।

न्याय विभाग से विचार-विमर्श जारी
प्रदेश सरकार की नौकरियों में राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण बहाल कराने के लिए भी शासन स्तर पर प्रयास शुरू हो गए हैं। सचिव कार्मिक एवं सतर्कता शैलेश बगौली के मुताबिक, इस संबंध में न्याय विभाग से विचार-विमर्श चल रहा है। क्षैतिज आरक्षण के समर्थन में ठोस विधिक आधार तैयार करने के बाद प्रस्ताव न्याय विभाग को भेजा जाएगा। बता दें कि उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण के शासनादेश को निरस्त कर दिया था।

विधेयक लौटने के बाद अध्यादेश लाने की मांग
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर राज्यपाल ले ज गुरमीत सिंह (सेनि.) ने राजभवन में कई वर्षों से लंबित राज्य आंदोलनकारी क्षैतिज आरक्षण विधेयक को लौटा दिया। इस विधेयक के लौटने के बाद सरकार से क्षैतिज आरक्षण के लिए तात्कालिक तौर पर अध्यादेश या विधेयक लाने की मांग की गई। राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद के पूर्व अध्यक्ष रविंद्र जुगरान का कहना है कि मुख्यमंत्री राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण के मसले पर गंभीर हैं और उन्हें पूरी उम्मीद है कि सरकार जल्द अध्यादेश या विधेयक लाएगी।

राज्य की महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण के लिए अध्यादेश का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। अगले हफ्ते ड्राफ्ट विधायी विभाग को भेजा जाएगा, वहां से वह राज्यपाल की मंजूरी के लिए राजभवन जाएगा।

उत्तराँचल क्राईम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *