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उत्तराखंड : प्रदेश में चल रहे हैं अवैध मदरसे, रिपोर्ट में हुआ खुलासा सीएम धामी सख्त

उत्तराखंड : प्रदेश में चल रहे हैं अवैध मदरसे, रिपोर्ट में हुआ खुलासा सीएम धामी सख्त

उत्तराखंड : प्रदेश में चल रहे हैं अवैध मदरसे, रिपोर्ट में हुआ खुलासा सीएम धामी सख्त

उत्तराखंड : प्रदेश में चल रहे हैं अवैध मदरसे, रिपोर्ट में हुआ खुलासा सीएम धामी सख्त

जिला मुख्यालय के समीपवर्ती वीरभट्ट मे अवैध तरीके से संचालित मदरसे में बच्चों के उत्पीड़न व शोषण के बाद प्रदेश में मदरसों के सर्वेक्षण की चौंकाने वाली रिपोर्ट आई है। रिपोर्ट में साफ है कि नैनीताल जिले में मदरसा सिराजुल उलूम नूरिया मोहम्मद गुलर घट्टी रामनगर ही एक मात्र उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद देहरादून से पंजीकृत हैं।

अन्य नैनीताल, हल्द्वानी में संचालित मदरसे शिक्षा परिषद से संबद्ध नहीं हैं, साफ है कि अवैध रूप से चल रहे हैं। यह भी तथ्य आया है कि मदरसों में पूरे प्रदेश में करीब आठ सौ गैर मुस्लिम बच्चे पढ़ रहे हैं। दावा है कि गैर मुस्लिम बच्चे अभिभावकों की इच्छा से पढ़ रहे हैं।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में मदरसों का सर्वेक्षण कराया गया था। मदरसा शिक्षा परिषद की रिपोर्ट के अनुसार जिले के रामनगर के गुलर घाटी में एकमात्र मदरसे में 113 बच्चे अध्ययनरत हैं।

रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में मदरसा शिक्षा परिषद से पंजीकृत 30 मदरसों में 7399 बच्चे अध्ययनरत हैं। नैनीताल जिले के रामनगर के अलावा अन्य मदरसा नहीं है, जबकि जानकारों के अनुसार नैनीताल, हल्द्वानी व रामनगर में मदरसों का संचालन हो रहा है, जो सोसाइटी एक्ट में तो पंजीकृत हैं, लेकिन यह साफ नहीं है कि वह किस फंड से संचालित हो रहे हैं।

मदरसा चौधरी शमशुद्दीन मेमोरियल स्कूल बाजपुर, जामिया नूरिया रजाए मुस्तुफा गणेशपुर बाजपुर, मदरसा साबिर बाबा साहब वार्ड नंबर-तीन, केलाखेड़ा, जामिया इस्लामियां जसपुर, एमआइ न्यू इंडिया माडर्न जूनियर हाइस्कूल मोहल्ला नई बस्ती जसपुर, मदरसा एस आर इस्लामियां स्कूल डांग बंगला जसपुर तथा साबिर हुसैन इस्लामियां मदरसा खेड़ा लक्ष्मीपुर, जसपुर।

नैनीताल के अधिवक्ता नितिन कार्की का आरोप है कि जिले में नैनीताल, हल्द्वानी में अवैध रूप से मदरसो संचालित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि नैनीताल में भी एक से अधिक मदरसे हैं, जिनका पंजीकरण नहीं है, और सोसाइटी एक्ट में भी पंजीकरण रिनुअल नहीं हुआ है। सोसाइटी एक्ट से मजहबी शिक्षा नहीं दी सकती। उन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम से मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि प्रशासन को इसकी जांच करनी चाहिए।

उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट |

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