Monday, October 13News That Matters

शिव जी के जीवन में विलास नहीं, संन्यास है, भोग नहीं योग है…

भगवद चिन्तन… श्रावण मास शिव तत्व

श्रावण मास में शिव जी के दर्शन करते समय एक बात और सीखने योग्य है। शिव जी के जीवन में विलास नहीं है, संन्यास है, भोग नहीं योग है। इनके चित में काम नहीं राम हैं। इन्होंने कामदेव को भस्म किया है। विषय विष से भी ज्यादा खतरनाक है। विष शरीर को मारता है, विषय आत्मा तक को प्रभावित करता है। विष खाने से केवल एक जन्म, एक शरीर नष्ट होता है पर विषय का चस्का लग जाने पर तो जन्म-जन्मान्तर नष्ट हो जाते हैं।
संयम जीवन जीने से आयु भी बढती है। योग के साथ रहने से चित भी प्रसन्न रहता है। विषय आयु को तो नष्ट करता ही है साथ में चित में अशांति और पुनः प्राप्त करने की आशा भी उत्पन्न होती है। आज अति भोगवाद भी व्यक्ति और विश्व की अशांति का प्रमुख कारण है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *