बड़ी खबर: वक्फ कानून में बदलाव के बाद असमंजस, मंगलौर में विशाल सभा
मंगलौर, कर्नाटक – वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 लागू होने के बाद मुस्लिम समुदाय में असमंजस फैल गया है। इस कानून में वक्फ बोर्डों की संरचना, संपत्ति प्रबंधन और महिला प्रतिनिधित्व जैसे बदलाव किए गए हैं।
कर्नाटक राज्य उलेमा समन्वय समिति ने मंगलौर में एक बड़ी सभा आयोजित की, जिसमें लाखों लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि नए प्रावधान वक्फ संस्थाओं की स्वायत्तता और धार्मिक अधिकारों में हस्तक्षेप करेंगे।
इस अधिनियम में केंद्रीय वक्फ परिषद और वक्फ बोर्डों में महिलाओं और विभिन्न संप्रदायों का प्रतिनिधित्व अनिवार्य करना, वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण और लेखा-जोखा में सरकार को अधिकार देना, और वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसलों के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने की सुविधा शामिल है।
सरकार का कहना है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता के लिए है, लेकिन कई मुस्लिम संगठन इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला मान रहे हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इस कानून को अदालत में चुनौती देने का ऐलान किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कानून के कुछ प्रावधानों पर रोक लगा दी है। मंगलौर में हुई सभा में लोगों ने सरकार से कानून वापस लेने और समुदाय की राय को ध्यान में रखते हुए पुनर्विचार करने की मांग की है।