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उत्ताराखंड आयुर्वेद विवि में बिना शिक्षा के कुलपति बनने का सुनहरा मौका !

उत्ताराखंड आयुर्वेद विवि में बिना शिक्षा के कुलपति बनने का सुनहरा मौका !

उत्ताराखंड आयुर्वेद विवि में बिना शिक्षा के कुलपति बनने का सुनहरा मौका !

उत्ताराखंड आयुर्वेद विवि में बिना शिक्षा के कुलपति बनने का सुनहरा मौका !उत्तरखण्ड आयुर्वेद विवि में फर्जी कुलपतियों अड्डा!आयुर्वेद विवि में कुलपति अरुण त्रिपाठी के चयन को लेकर सुलगे सवालउत्तराखण्ड आयुर्वेद विवि में कुलपति के चयन का जिन्न फिर बाहर निकलाराज्यपाल को सम्बोधित शिकायती पत्र में कुलपति पद की योग्यता समेत कई अन्य गड़बड़ तथ्यों का उल्लेखदेहरादून। उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कुलपति पद की चयन प्रक्रिया में हुए भ्रष्टाचार के बाबत राज्यपाल से शिकायत की गई। शिकायती पत्र में आयुर्वेद विवि में छह महीने पूर्व नियुक्त किये हुए कुलपति डॉ अरुण त्रिपाठी की नियुक्ति को गलत बताते हुए इसे भ्र्ष्टाचार का मामला करार दिया गया।शिकायती पत्र में कहा गया कि अरुण कुमार त्रिपाठी का प्रोफेसर पद पर 10 वर्ष का अनुभव पूर्ण नहीं है। और उन्होंने कई गलत जानकारी दे कर गुमराह किया।

पत्र में शासन की ओर से डॉ अरुण त्रिपाठी को जारी अनुभव प्रमाण पत्र पर भी उंगली उठाई गई है। कहा गया कि अनुभव प्रमाण पत्र विवि की ओर से जारी होना चाहिए था।

अमित गोदियाल की तरफ से दिए गए शिकायती पत्र में सर्च कमेटी को कठघरेमें खड़ा करते हुए सूचना के जनअधिकार से मिले दस्तावेजों को संलग्न किया गया है।

गौरतलब है कि नवंबर 2023 में डॉ अरुण त्रिपाठी की उत्तराखण्ड आयुर्वेद विवि में कुलपति पद लर नियुक्ति हुईथी। इस शिकायती पत्र के बाद कुलपति की नियुक्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

नियुक्ति के छह महीने बाद की गई शिकायत पर कुलपति डॉ अरुण त्रिपाठी का लिखित में जवाब मिलने पर “ब्यूरो आइडिया फॉर न्यूज़ ” में अवश्य प्रकाशित किया जाएगा।

 

आयुर्वेद विवि में कुलपति अरुण त्रिपाठी के चयन को लेकर सुलगे सवाल

उत्तराखण्ड आयुर्वेद विवि में कुलपति के चयन का जिन्न फिर बाहर निकला

राज्यपाल को सम्बोधित शिकायती पत्र में कुलपति पद की योग्यता समेत कई अन्य गड़बड़ तथ्यों का उल्लेख

“ब्यूरो उत्तराँचल क्राइम न्यूज़ ”

देहरादून। उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कुलपति पद की चयन प्रक्रिया में हुए भ्रष्टाचार के बाबत राज्यपाल से शिकायत की गई। शिकायती पत्र में आयुर्वेद विवि में  छह महीने पूर्व नियुक्त किये हुए कुलपति डॉ अरुण त्रिपाठी की नियुक्ति को गलत बताते हुए इसे भ्र्ष्टाचार का मामला करार दिया गया।

शिकायती पत्र में कहा गया कि अरुण कुमार त्रिपाठी का प्रोफेसर पद पर 10 वर्ष का अनुभव पूर्ण नहीं है। और उन्होंने कई गलत जानकारी दे कर गुमराह किया।

पत्र में शासन की ओर से डॉ अरुण त्रिपाठी को जारी अनुभव प्रमाण पत्र पर भी उंगली उठाई गई है। कहा गया कि अनुभव प्रमाण पत्र विवि की ओर से जारी होना चाहिए था।

अमित गोदियाल की तरफ से दिए गए शिकायती पत्र में सर्च कमेटी को कठघरेमें खड़ा करते हुए सूचना के जनअधिकार से मिले दस्तावेजों को संलग्न किया गया है।

गौरतलब है कि नवंबर 2023 में डॉ अरुण त्रिपाठी की उत्तराखण्ड आयुर्वेद विवि में कुलपति पद लर नियुक्ति हुईथी। इस शिकायती पत्र के बाद कुलपति की नियुक्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

नियुक्ति के छह महीने बाद की गई शिकायत पर कुलपति डॉ अरुण त्रिपाठी का लिखित में जवाब मिलने पर “अविकल उत्तराखण्ड” में अवश्य प्रकाशित किया जाएगा।

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