हरम में रहने वाली हमीदा बानो पर फिसल गया था हुमायूं का दिल, फिर उसे पाने के लिए उठाया खौफनाक कदम !
हरम में रहने वाली हमीदा बानो पर फिसल गया था हुमायूं का दिल, फिर उसे पाने के लिए उठाया खौफनाक कदम !
हरम में रहने वाली हमीदा बानो को देखते ही हुमायूं का दिल आ आया और जिस वक्त दोनों की पहली मुलाकात हुई हमीदा बला की उम्र 14 साल थी, जबकि उस समय हुमायूं की उम्र 33 साल थी.
भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखने वाले बाबर के बेटे हुमायूं को साल 1539 में चौसा के युद्ध में शेरशाह सूरी ने हरा दिया. इसके बाद हुमायूं जान बचाने के लिए इधर-उधर बचने की कोशिश कर रहा था और भागते-भागते वह अपने सौतेले भाई हिंदाल के पास पहुंचा. यहीं, पर हुमायूं की नजर हिंदाल के हरम में रहने वाली हमीदा बानो पर पड़ी, जो बला की खूबसूरत थी. हमीदा को देखते ही हुमायूं अपना दिल हार बैठा.
हुमायूं से जेहन से नहीं निकल रही थी हमीदा
14 साल की हमीदा बानो को देखकर हुमायूं का दिल फिसल गया था और इस वजह से हमीदा की तस्वीर उसके जेहन से निकल नहीं रही थी. इसके बाद हिंदाल के हरम में हुमायूं का आना-आना लगा रहा और वह हमीदा से बात बढ़ाने की कोशिश करने लगा. लेकिन, हमीदा ज्यादा बात नहीं करती थी. एक दिन हुमायूं ने हमीदा से पूछा, ‘तुम कौन हो?’ इस पर हमीदा ने कहा, ‘मीर बाबा दोस्त की बेटी.’ इसके बाद दोनों की बातचीत खत्म हो गई.
हुमायूं ने नहीं मानी हार
हालांकि, 33 साल के हुमायूं ने हार नहीं मानी और उसने हमीदा बानो को अपना बनाने का ठान लिया था. इसके बाद एक दिन हुमायूं ने हमीदा के भाई मोअज्जम के सामने जुमले के अंदाज में कहा कि अब तो बहुत जल्द हमारी रिश्तेदारी होने वाली है. इसके बाद उसने हमीदा की तरफ देखा और फिर जोर देकर कहा, ‘रिश्तेदारी.’
अपनी सौतेली मां के पास पहुंच गया हुमायूं
हमीदा बानो को हासिल करने के लिए हुमायूं अपनी सौतेली मां दिलदार बेगम के पास पहुंच गया, जिससे मिलना भी गवारा नहीं थी. हुमायूं अपनी सौतेली मां के कदमों में बैठ गया और हमीदा के पास निकाह का पैगाम भेजने के लिए गुहार लगाया. हालांकि, दिलदार बेगम सौतेले बेटे की खुशी चाहती थीं, लेकिन इसके साथ ही वह जानती थीं कि हुमायूं के भविष्य का कुछ भी पता नहीं है.
हुमायूं के भाई ने कर दिया रिश्ते से इनकार
हुमायूं का सौतेला भाई हिंदाल भी इस बात को सुनकर सन्न रह गया था, क्योंकि हमीदा उस शख्स की बेटी थी, जिससे हिंदाल को तालीम दी थी. इसके बाद एक दिन हिंदाल ने साफ शब्दों में हुमायूं को कर दिया कि यह रिश्ता नहीं हो सकता. हिंदाल ने कहा, ‘हमीदा के पिता ने मुझे तालीम दी है और वह मेरी छोटी बहन जैसी है. इसके साथ ही हिंदाल ने हुमायूं और हमीदा की उम्र में फासले का भी जिक्र किया.
हमीदा ने भी हुमायूं को नहीं किया स्वीकार
जब हुमायूं की जिद्द के बाद सौतेली मां दिलदार बेगम ने हमीदा बानो से इस बारे में पूछा तो उसने साफ मना कर दिया. इसके बावजूद हमीदा के पास हुमायूं से निकाह का औपचारिक पैगाम भेजा गया, लेकिन उसे भी हमीदा ने ठुकरा दिया. इसके बाद हुमायूं तिलमिला गया और खुद हमीदा से बात करने पहुंच गया. लेकिन, इसके बाद हमीदा ने कहा कि हरम के उसूलों के अनुसार, अगर कोई औरत बादशाह सलामत को एक बार ना कहती है, तो उन्हें मान लेना चाहिए.
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उत्तराँचल क्राइम न्यूज़ के लिए दिल्ली से ब्यूरो रिपोर्ट