उत्तराखंड: प्रस्ताव तैयार करने में लग गए डेढ़ साल, नवोदय स्कूलों में रखें जाने हैं शिक्षक, भर्ती का पता नहीं
उत्तराखंड: प्रस्ताव तैयार करने में लग गए डेढ़ साल, नवोदय स्कूलों में रखें जाने हैं शिक्षक, भर्ती का पता नहीं
प्रदेश के राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों में शिक्षकों के लिए अगल से सेवा नियमावली बननी है। शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने डेढ़ साल पहले दावा किया था कि अगले दो महीने के भीतर नियमावली वजूद में आ जाएगी, लेकिन अब जाकर इसका प्रस्ताव तैयार हुआ है। ऐसे में इन विद्यालयों के लिए शिक्षकों की सीधी भर्ती कब शुरू होगी, पता नहीं।
राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों में शिक्षकों के पद सृजित हैं, लेकिन इन पदों पर सीधी भर्ती से स्थायी शिक्षकों की तैनाती नहीं हो पा रही है। नवोदय विद्यालय कैडर के अनुसार, हर स्कूल में 20 से 22 शिक्षकों के पद हैं। इसके अलावा हर स्कूल में तीन मिनिस्टीरियल संवर्ग, दो वार्डन, प्रधानाचार्य और उप प्रधानाचार्य का एक-एक पद हैं, जबकि अन्य आउटसोर्स के पद हैं।
वर्ष 2014-15 में इन पदों के सृजित होने के बाद 2016 में शासन ने आदेश किया कि जब तक सीधी भर्ती से शिक्षकों के पद नहीं भरे जाते, इन पदों पर प्रतिनियुक्ति से शिक्षकों की तैनाती की जाए। 2016 में तीन साल के लिए उत्तराखंड बोर्ड के सरकारी स्कूलों से प्रतिनियुक्ति पर शिक्षकों की तैनाती की गई, लेकिन 2021 में प्रतिनियुक्ति को पांच साल पूरे होने के बावजूद इसे दो साल और बढ़ा दिया गया।
इस साल इन पदों पर शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति को सात साल हो चुके हैं, जो वित्तीय नियमों का भी उल्लंघन हैं, लेकिन शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति को सात साल होने और विभागीय मंत्री के निर्देश के बाद भी विभाग, शिक्षकों के लिए अलग सेवा नियमावली लागू नहीं हो पाई है। निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी के मुताबिक, राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों में शिक्षकों के पद सृजित हैं। बताया, इन पदों पर नियुक्ति के लिए अलग से सेवा नियमावली बननी है। विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। प्रस्ताव को शासन को भेजा जाएगा। इसे मंजूरी मिलने पर सीधी भर्ती से शिक्षकों की तैनाती हो सकेगी।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी के मुताबिक, राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों में शिक्षा विभाग से शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर हैं। इससे हो यह रहा है कि इन विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती से शिक्षा विभाग में शिक्षकों की कमी की समस्या पैदा हो रही है। समस्या का स्थायी समाधान न होने तक इन विद्यालयों में डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति की ओर से अतिथि शिक्षकों की तैनाती की जा रही है। इसके अलावा प्रतिनियुक्ति पर भी शिक्षकों को रखा जाएगा।
प्रदेश के राजीव गांधी नवोदय विद्यालय सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध हैं। इन विद्यालयों में न तो स्थायी शिक्षकों की तैनाती हुई है और न ही कई स्कूलों के पास अपने भवन हैं। रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, उत्तरकाशी सहित कई स्कूल अस्थायी भवन में चल रहे हैं।
उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट |