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नामीबिया के बाद दक्षिण अफ्रीका से भारत लाए जाएंगे चीते, दोनो देशों के बीच हुए समझौते पर हस्ताक्षर |

नामीबिया के बाद दक्षिण अफ्रीका से भारत लाए जाएंगे चीते, दोनो देशों के बीच हुए समझौते पर हस्ताक्षर |

नामीबिया के बाद दक्षिण अफ्रीका से भारत लाए जाएंगे चीते, दोनो देशों के बीच हुए समझौते पर हस्ताक्षर |

नामीबिया के बाद दक्षिण अफ्रीका से भारत लाए जाएंगे चीते, दोनो देशों के बीच हुए समझौते पर हस्ताक्षर |

आठ से दस साल के बीच हुए समझौते के तहत हर साल 12 चीते भारत आने हैं। फरवरी में भारत को 12 चीते मिलने की उम्मीद है।

भारत ने मध्य प्रदेश में कुनो राष्ट्रीय उद्यान में 12 चीतों के स्थानांतरण के लिए दक्षिण अफ्रीका के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। पर्यावरण मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। समझौते पर पिछले सप्ताह हस्ताक्षर किया गया और 15 फरवरी तक सात नर और पांच मादा चीतों के कुनो पहुंचने की उम्मीद है।

सूत्रों के मुताबिक, छह महीने से भी अधिक समय से 12 दक्षिण अफ्रीकी चीते पृथकवास में हैं। उनके इस महीने कुनो पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन दक्षिण अफ्रीका में कुछ प्रक्रियाओं में समय लगने के कारण उनके स्थानांतरण में देरी हुई।

देश में 1948 में आखिरी बार देखा गया था चीता
भारत में आखिरी बार चीता 1948 में देखा गया था। इसी वर्ष कोरिया के राजा रामनुज सिंहदेव ने तीन चीतों का शिकार किया था। इसके बाद भारत में चीतों को नहीं देखा गया। 1952 में सरकार ने चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया। इसके बाद भारत सरकार ने 1970 में एशियाई चीतों को ईरान से लाने का प्रयास किया।

ईरान सरकार से बातचीत भी की गई लेकिन यह पहल सफल नहीं हो सकी। मगर अब नामीबिया से आठ चीतों को मोदी सरकार लेकर आई है। केंद्र सरकार की पांच साल में 50 चीते लाने की योजना है। बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में चीते को बसाने के लिए 25 गांवों के ग्रामीणों अपना घर छोड़ना पड़ा।

कूनो नेशनल पार्क लाए गए चीते
पिछले साल नवंबर 2022 में आठ चीते भारत गए थे। इनमें पांच मादा और तीन नर है। इनकी उम्र चार से छह साल है। यह अपनी तरह का पहला और अनूठा मिशन है। नामीबिया से भारत लाए गए चीतों को प्रधानमंत्री मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में बॉक्स खोलकर तीन चीतों को क्वारंटीन बाड़े में छोड़ा।

उत्तराँचल क्राईम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |

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