उत्तराखंड : भू-धंसाव से खतरे में आया पीजी कॉलेज का छात्रावास, भवन का आंगन ध्वस्त, छात्र किए शिफ्ट
उत्तराखंड : भू-धंसाव से खतरे में आया पीजी कॉलेज का छात्रावास, भवन का आंगन ध्वस्त, छात्र किए शिफ्ट
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर का भागीरथी छात्रावास भी भू-धंसाव से खतरे की जद में आ गया है। पीजी कॉलेज में भागीरथी छात्रावास में 16 अगस्त की रात को भू-धंसाव होना शुरू हुआ था और भवन का आंगन ध्वस्त हो गया था। इसके बाद उसके आगे का पुश्ता टूट गया। खतरे को देखते हुए यहां रहने वाले 34 छात्रों को कॉमर्स के भवन के एक हॉल में शिफ्ट कर दिया है। इसके आगे बिजली का पोल भी खतरे की जद में आ गया है। सुरक्षा को देखते हुए ऊर्जा निगम ने उस जगह की बिजली काट दी है। वहीं इस छात्रावास के टूटे पुश्ते का मलबा प्राथमिक विद्यालय सुभाषनगर के पीछे जा रहा है। जबकि स्कूल के आंगन का पुश्ता भी टूट चुका है। इससे विद्यालय को भी खतरा हो गया है।
पिछले सप्ताह हुई अतिवृष्टि से मठ, बेमरू व स्यूंण गांव की सड़क जगह-जगह ध्वस्त है जिससे इन गांवों में राशन का संकट होने लगा है और गांव से दूध बाजार नहीं पहुंच पा रहा है। वहीं मठ-बेमरू-स्यूंण सड़क मठ गांव के पास छाम गदेरे में बह गई है। क्षेत्र के मठ, सुरेंडा, झड़ेता, बजनी, बेडुमाथल, कांडा, कुणखेत, बेमरू, गुनियाला, लुदांऊ, स्यूंण आदि गांवों से हर दिन करीब 200 लीटर दूध पीपलकोटी सहित अन्य बाजारों में पहुंचता है लेकिन सड़क बंद होने से दूध का कारोबार ठप पड़ा है। वाहन चालक सोनू रावत का कहना है कि क्षेत्र में 12 से अधिक वाहन फंसे हुए हैं। स्यूंण गांव निवासी अरुण राणा ने उनके क्षेत्र के रास्तों और सड़कों की मरम्मत जल्द से जल्द कराने की मांग की।
उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट |