उत्तरकाशी -ऊपर से खुदाई कर निकाले जाएंगे टनल से 340 घंटे से फंसे मजदूर!
उत्तरकाशी -ऊपर से खुदाई कर निकाले जाएंगे टनल से 340 घंटे से फंसे मजदूर!
उत्तरकाशी में 41 मजदूरों को बचाने का मिशन 15वें दिन तक पहुंच चुका है. हालांकि एक बार फिर ऑगर मशीन की खराबी ने रेस्क्यू मिशन में रुकावट पैदा कर दी है.
सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने की मुहिम 15वें दिन तक पहुंच चुकी है. मजदूरों को बाहर निकालने में इस्तेमाल हो रहे ऑगर मशीन में खराबी के बाद सुरंग में अब वर्टिकल ड्रिलिंग की तैयारी हो रही है. इंटरनेशनल टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने बताया था कि लंबवत ड्रिलिंग ज्यादा समय लेने वाला और जटिल ऑप्शन है. सीएम धामी ने टनल में चल रहे राहत और बचाव के काम के संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली. सीएम धामी ने अधिकारियों को कहा कि पाइप में फंसी ऑगर मशीन को तुरंत निकाला जाए और उसे निकालने के लिए जो भी मशीन या तकनीक का इस्तेमाल करना है, उसे भी तुरंत मंगाया जाए
उत्तरकाशी टनल में वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू हो गई है. ऊपर से खुदाई करके 340 घंटे से फंसे मजदूर निकाले जाएंगे. दूसरी तरफ, खराब ऑगर मशीन को काटने का काम तेजी से चल रहा है. हॉरिजोंटल सुंरग में मजदूरों और रेस्क्यू टीम के बीच अब महज 9 मीटर का फासला रह गया है.
इंटरनेशनल टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने बताया कि ऑगर मशीन फेल हो चुकी है. और भी कई दिक्कते हैं. प्लाज्मा कटर की मदद से तेजी से ऑगर मशीन काटी जा रही है. ऑगर मशीन के बाहर आने के बाद ही जाकर पाइप देखेंगे और तय करेंगे कि आगे क्या करना है.
भारतीय सेना के जवान कुछ सिविलियन्स के साथ मिलकर मैनुअल ड्रिलिंग का काम करेंगे. प्लाज्मा कटर ने ऑगर मशीन के ब्लेड की कटाई शुरू कर दी है. प्लाज्मा कटर के साथ लेजर कटर का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. मैनुअल ड्रिलिंग करने के लिए भारतीय सेना सिविलियन्स के साथ मिलकर टनल के अंदर ही Rat बोरिंग करेगी. हाथों से और हथौड़ी छैनी जैसे औजारों से खोदने के बाद मिट्टी निकाली जाएगी और फिर ऑगर के ही प्लेटफार्म से पाइप को आगे धकेला जाएगा.
प्लाज्मा कटर हैदराबाद से सिल्कयारा टनल साइट पर पहुंचा है. इसकी मदद से पाइप में फंसे ऑगर मशीन के ब्लेड को निकालने के काम में तेजी आएगी. अभी करीब 21 मीटर तक ब्लेड काटकर निकालने का काम बाकी है.
उत्तराँचल क्राइम न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो की रिपोर्ट।