Fri. Nov 22nd, 2024

क्या गोलमाल है… दागी कर्मचारी को सेवा विस्तार की तैयारी में परिवहन विभाग

-परिवहन विभाग एक ऐसे कर्मचारी को सेवा विस्तार देने जा रहा है, जिसके विरुद्ध कई मामले लंबित हैं। उसकी तकनीकी डिप्लोमा व प्रमाण पत्रों पर जन्मतिथि पर भी कई बार प्रश्नचिन्ह लगते रहे हैं। ऐसे कर्मचारी को सेवा विस्तार देने में विभाग क्यों दरियादिली दिखा रहा है, यही सबसे बड़ा प्रश्न है।

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। परिवहन विभाग का भी अजब हाल है, जिस कर्मचारी के विरुद्व कई मामले लम्बित हैं, उसके शैक्षिक प्रमाण पत्रों पर सवालिया निशान हैं, सवा करोड़ रुपए से अधिक जिसके घर में कैश था (जो चोरी हुआ, उसने रिपोर्ट तक नहीं लिखवाई), जिसको लेकर आज भी वह सवालों के घेरे में है, विभाग उसे सेवा विस्तार देने जा रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि विभाग क्या मजबूरी या मिलीभगत है दागी कर्मचारी को सेवा विस्तार देने की।

संभागीय निरीक्षक प्रावधिक आलोक कुमार को आगामी 31 जुलाई को सेवानिवृत्त होना है। लेकिन, उनका विभाग को छोड़ने का न मन है मस्तिष्क। लंबी नौकरी के बाद भी कुमार परिवहन विभाग को छोड़ना नहीं चाहते। इसलिए उन्होंने 27 जून को आरटीओ जीसी पठोई को पत्र लिखा और सेवानिवृत्ति के बाद भी परिवहन विभाग में बने रहने (सेवा विस्तार) की इच्छा जताई। हैरानी की बात यह है कि पठोई ने आलोक कुमार के बारे में सबकुछ जानते हुए भी आलोक कुमार के सेवा विस्तार पर हामी भरी और परिवहन आयुक्त को आलोक कुमार को सेवा विस्तार देने की संस्तुति कर दी।

आलोक कुमार के घर पर हुई थी डकैती

वसंत विहार थाना क्षेत्र के विजय पार्क में कुछ साल पहले 1.38 करोड़ रुपए की डकैती हुई थी। उस वक्त उजागर हुआ था कि डकैती आलोक कुमार के घर में हुई। लेकिन, इतनी बड़ी डकैती के बावजूद कुमार ने थाने में रिपोर्ट नहीं करवाई। बदमाशों के पकड़ में आने पर उन्होंने आलोक कुमार के घर में डकैती की बात कही। तब भी कुमार ने मात्र 23 लाख की डकैती स्वीकार की। लेकिन, फिर भी सवाल यह था कि 23 लाख रुपए कुमार के पास कहां से आए और इतनी बड़ी रकम उन्होंने घर में क्यूं रखी थी। इस मामले में परिवहन विभाग की छिछलेदारी हुई थी।

डिप्लोमा और प्रमाण पत्रों पर भी प्रश्नचिन्ह

आलोक कुमार के तकनीकी डिप्लोमा और प्रमाण पत्रों पर जन्मतिथि को लेकर भी कई बार प्रश्नचिन्ह लगते रहे हैं। गौरतलब है आलोक कुमार ने मैकनिकल डिप्लोमा सरकारी सेवा में रहने के दौरिन प्राप्त किया है जो कि नियमानुसार सम्भव नहीं है। इसको लेकर भी कई बार उनकी शिकायत हुई। लेकिन, विभाग ने हर बार मामला दबा दिया।

सेवा विस्तार युवाओं के साथ घोखा

सरकारी कार्यालयों में सेवा विस्तार की व्यवस्था युवाओं के साथ धोखा है। युवा नौकरी के लिए दर दर भटक रहे हैं और सरकार विभागों में सेवानिवृत्ति के बाद भी सेवा विस्तार देकर बुजुर्गों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करती इस व्यवस्था पर तो तत्काल रोक लगनी ही चाहिए। लेकिन, आलोक कुमार के मामले में तो सेवा विस्तार दिया जाना कई सवाल भी खड़े करता है। दागी होने के बावजूद विभाग को इस आरआई से इतना प्रेम क्यों है कि सेवानिवृत्ति के बाद भी उसे विभाग बनाए रखे जाने को गोटियां खेली जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed