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कवि डॉ अलका अरोड़ा की एक रचना… नारी को सम्मान नहीं तो बताओ क्या दोगे…

कवि डॉ अलका अरोड़ा की एक रचना… नारी को सम्मान नहीं तो बताओ क्या दोगे…

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डॉ अलका अरोड़ा प्रोफेसर, देहरादून ------------------------------------------ आओ करे ये सतत प्रतिज्ञा नारी को सम्मान नहीं तो बताओ क्या दोगे बेटी को घर में मान नहीं तो बतलाओ क्या दोगे एक घर सुधरने से बोलो क्या बदलेगा हर सोच बदलने का प्रण बोलो कब लोगे जब तक सारी कायनात ना बदले तो सब बेकार जब तक अर्न्तमन ना स्वीकारे हर तरफ है हार हर तरक्की हर ऊँचाई झूठी साबित होती है जब तक बेटी लुट रही घर भीतर और हाट बाजार लेकर प्रण सब बढे आगे तब ही होगा पूर्ण उद्धार शिक्षा खानपान रोजगार बेटी को देना होगा पुरस्कार हर बेटी सम्मान से जिये ख्याल हर पल रखना होगा बेटी को भी बेटो सा मिले बराबर का अधिकार कानून समाज और परिवेश से भी ले आओ सुधार हर शय लगाकर जगा सको तो बदल डालो ये संसार नारी जीवन पुण्य कर्मो का फल ही है ये जान जाओ सृष्टि की रचेचता को पग पग क्यूं कर रहे हो शर्मसार कौन स...
पुष्पा जोशी ‘प्राकाम्य’ के मित्रों को समर्पित मुक्तक…

पुष्पा जोशी ‘प्राकाम्य’ के मित्रों को समर्पित मुक्तक…

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पुष्पा जोशी 'प्राकाम्य' ऊधमसिंहनगर, उत्तराखंड ----------------------------------------- मुक्तक (१) खुशी दें, दिल को दें राहत, सहृदय सद्वृत्त रहते हैं। रहें दिल में सहोदर-से, उन्हीं को मित्र कहते हैं। बचाते हैं बुराई से, छिपाते जग से हैं कमियाँ- महकते हैं, जो महकाते, सुगंधित इत्र कहते हैं। (2) राज दिल के कई ऐसे, कहें किससे! हिचकते हम। कि दर्दे ग़म बयां करके, मित्र संग हैं सिसकते हम। पावन,मन लुभावन ये, इन्हें सन्मित्र कहते हैं ‌। अनुपम हैं सहोदर-से, नहीं इनसे झिझकते हम।    ...
युवा कवि धर्मेन्द्र उनियाल धर्मी की एक ग़ज़ल… बस हमने हाथ न पसारा, खुद्दारियों के चलते…

युवा कवि धर्मेन्द्र उनियाल धर्मी की एक ग़ज़ल… बस हमने हाथ न पसारा, खुद्दारियों के चलते…

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धर्मेन्द्र उनियाल 'धर्मी' चीफ फार्मासिस्ट, अल्मोड़ा ------------------------------------------------- - बस हमने हाथ न पसारा, खुद्दारियों के चलते, कर लिया सबसे किनारा ,खुद्दारियों के चलते! अदब के सिवा सिर झुकाना मंजूर नही हमे, हमे मंजूर है हर ख़सारा, खुद्दारियों के चलते! पहले सिर झुका लेते, शायद बच गये होते, हम लुटे हैं फिर दोबारा, खुद्दारियों के चलते! फ़क़त वो चाँद ही आसमां का चहेता बन रहा, टूटा फ़लक से सितारा, खुद्दारियों के चलते! खुशामदी को उम्रभर हमने दरकिनार ही रखा, किसी रहनुमा को न पुकारा, खुद्दारियों के चलते! मैं ज़िन्दगी की भीख़ मांग लूं, ये हो नही सकता, है ज़हर ही आख़िरी चारा, खुद्दारियों के चलते!!  ...
उत्तराखंड सरकार के रवैए से डीएलएड प्रशिक्षित परेशान, शिक्षा निदेशालय में शुरू किया आंदोलन

उत्तराखंड सरकार के रवैए से डीएलएड प्रशिक्षित परेशान, शिक्षा निदेशालय में शुरू किया आंदोलन

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शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। प्रशिक्षित बेरोजगार संगठन डायट डीएलएड संघ के बैनरतले डीएलएड प्रशिक्षितो ने आंदोलन शुरू कर दिया। प्रशिक्षितों ने आज शिक्षा निदेशालय में नारेबाजी की ओर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। संघ की ओर से प्रेसवार्ता कर आंदोलन की जानकारी दी गई। प्रशिक्षितों ने सरकार अनदेखी जा आरोप लगाते हुए रोष जताया। उत्तरांचल प्रेस क्लब देहरादून में आयोजित प्रेस वार्ता में डायट डीएलएड संघ के सचिव हिमांशु जोशी ने बताया कि प्रशिक्षित सरकार के रवैये से परेशान हैं। शिक्षा मंत्री ने संघ को 2 अगस्त से कोर्ट में सुनवाई कर और लंबित केस का जल्द निस्तारण कर शिक्षक भर्ती का आश्वासन दिया गया था। लेकिन, इतने दिन बीतने के बाद भी विभाग ने काउंटर जमा नहीं किया गया, जिस कारण कोर्ट में सुनवाई में देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि डीएलएड संघ ने शिक्षा निदेशालय में नारेबाजी के साथ औपच...
मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार विधानसभा पहुंचे पुष्कर सिंह धामी, पूजा पाठ कर शुरू किया काम

मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार विधानसभा पहुंचे पुष्कर सिंह धामी, पूजा पाठ कर शुरू किया काम

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शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में पूजा-अर्चना कर शासकीय कार्य शुरू किया। मुख्यमंत्री बनने के बाद धामी पहली बार विधानसभा पहुंचे। उन्होंने विधानसभा में पौधरोपण भी किया। इस अवसर पर केबिनेट मंत्री अरविन्द पाण्डेय, गणेश जोशी, यतीश्वरानंद, विधायक राजेश शुक्ला, चंदन राम दास, प्रणव चैंपियन, उमेश शर्मा काऊ, खजान दास, शक्ति लाल शाह, भाजपा नेता अनिल गोयल, तरुण मित्तल, अजेंद्र अजय आदि मौजूद रहे।...
इज्जत से जीना एक नागरिक के लिए वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती: डॉ फारुख

इज्जत से जीना एक नागरिक के लिए वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती: डॉ फारुख

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-संयुक्त नागरिक संगठन व आरटीआई लोक सेवा के संयुक्त तत्वाधान में इंद्र रोड़ देहरादून में ‘स्वराज और सुशासन हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है, हम इसे लेकर रहेंगे’ विषय पर विचार गोष्ठी आयोजित की गई। बैठक के अध्यक्षता ब्रिगेडियर केजी बहल ने की। जबकि, मुख्य अतिथि डॉ एस फारुख रहे। गोष्ठी का शुभारंभ संयुक्त नागरिक संगठन के महासचिव सुशील कुमार त्यागी के स्वागत भाषण से हुआ। उन्होंने गोष्ठी के मंतव्य व आमंत्रित अतिथियों का परिचय सदन को कराया। त्यागी ने कहा कि संयुक्त नागरिक संगठन और आरटीआई लोक सेवा ने मिलकर कार्ययोजना बनाई है कि सुशासन के लिए नागरिक संगठनों को एक मंच पर लाने के प्रयास किए जाएं। इस क्रम में यह पहली गोष्ठी है। गोष्ठी में तय किया गया कि राष्ट्रीय आजादी दिवस पर गॉंधी पार्क में देश के शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी और पांच सितम्बर को ‘सुशासन’ के पक्ष में जागरुकता रैली निकाली जाएगी। शब्द रथ न्...
भारत-चीन सीमा विवाद: पूर्वी लद्दाख में जल्द बहाल होगी शांति व्यवस्था

भारत-चीन सीमा विवाद: पूर्वी लद्दाख में जल्द बहाल होगी शांति व्यवस्था

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-विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत-चीन के बीच सैन्य वार्ता जारी है। बातचीत सार्थक रूप में हो रही है। तनाव वाले स्थानों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में क्षेत्र में जल जल्द शांति व्यवस्था कायम होगी। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत चीन के बीच जारी तनाव के मुद्दों की निपटा कर बहुत जल्द सीना पर शांति व्यवस्था बहाल की जाएगी। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच सार्थक सैन्य वार्ताओं का दौर जारी है। तनाव वाले स्थानों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया जारी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दोनों पक्ष बचे हुए मुद्दों पर तेजी से काम कर हैं। अब तक बनी सहमतियों पर काम जारी है। भविष्य में शांति बहाली के लिए बातचीत का दौर जारी रखा जाएगा। बागची ने कहा कि मंत्रालय को आगे जो भी सूचना मिलेगी, उसे जनता से साझा क...
कृषि व उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने उत्तराखंड के मौन पालकों को किया सम्मानित

कृषि व उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने उत्तराखंड के मौन पालकों को किया सम्मानित

राष्ट्रीय
-उत्तराखंड में जैविक खेती ने कृषकों की आर्थिकी को मजबूत किया है। मौन पालन जैसे व्यवसाय भी स्वरोजगार का बेहतरीन जरिया साबित हो रहे हैं। इस सबके बावजूद किसान और उपभोक्ता के बीच से बिचौलियों को समाप्त करना होगा। यह बात कृषि व उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने मौन पालकों के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहीं। उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड सरकार किसानों की आय बढ़ाने पर फोकस कर रही है। शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। उत्तराखंड में जैविक खेती ने कृषकों की आर्थिकी को मजबूत किया है। मौन पालन जैसे व्यवसाय भी स्वरोजगार का बेहतरीन जरिया साबित हो रहे हैं।  प्रदेश सरकार कृषि-उद्यानिकी को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने पर फोकस कर रही है। कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने मौन पालकों के लिए आयोजित कार्यक्रम के उद्घाटन पर यह बात कही। उन्होंने प्रगतिशील मौन पालकों का हौसला बढ़ाते हुए उनकी तारीफ भी ...
वरिष्ठ कवि पागल फकीरा की एक ग़ज़ल… जीवन तो है खेल तमाशा, चालाकी नादानी है…

वरिष्ठ कवि पागल फकीरा की एक ग़ज़ल… जीवन तो है खेल तमाशा, चालाकी नादानी है…

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पागल फकीरा भावनगर, गुजरात --------------------------------- ग़ज़ल जीवन तो है खेल तमाशा, चालाकी नादानी है, तब तक ज़िंदा रहते हैं, हम जब तक कि हैरानी है। आग, हवा, मिट्टी, पानी मिल कर रहते है कैसे ये, देख के ख़ुद को हैरां हूँ मैं, जैसे ख़्वाब कहानी है। मंज़र को आख़िर क्यूँ कर मैं, पहरों तकता रहता हूँ, ऊपर ठहरी चट्टानें है, राह में बहता पानी है। मुझको एक बीमारी है, तंद्रा में चलते रहने की, रातों में भी कब रुकता है, मुझ में जो सैलानी है। कल तक जिसने दुत्कारा, कह कह पागल पागल मुझको, दोस्त वही दुनिया तो अब फ़क़ीरा की दीवानी है।...
वरिष्ठ कवि जीके पिपिल की एक ग़ज़ल.. वही जिन्दगी वही जिन्दगी के समझौते हैं…

वरिष्ठ कवि जीके पिपिल की एक ग़ज़ल.. वही जिन्दगी वही जिन्दगी के समझौते हैं…

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जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड -------------------------------- गज़ल --------------------- वही जिन्दगी वही जिन्दगी के समझौते हैं कभी करे जाते हैं कभी खुदबखुद होते हैं। हम सभी क़िरदार हैं जिन्दगी के नाटक में जो उजाले में हँसते हैं तो अँधेरे में रोते हैं। खिलाड़ी तो कोई और है हम तो मोहरे हैं जो बिसात की चादर पे हार जीत ढोते हैं। समन्दर की छोटी बड़ी हर लहर की तरह हम साँसों की डोर में सुख-दुख पिरोते हैं। नसीब मुक़द्दर ये मन बहलाने की बातें हैं हम काटते वही हैं जो भी कर्मो में बोते हैं। ज़िंदगी का अंत जब किसी को पता नहीं फिर क्यों हम भविष्य के सपने सँजोते हैं। किनारों पर तलाशने से कुछ नहीं मिलेगा मोती उन्हें मिले हैं जो लगाते गहरे गोते हैं। कोई कितने भी हष्टपुष्ट और बलशाली हैं मौत के आगे तो हम चने के दाने थोते हैं।...