Fri. Nov 22nd, 2024

काव्य

कवि वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” की एक हिंदी ग़ज़ल… तेरी यादों का समंदर विशाल होता है…

वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” देहरादून, उत्तराखंड —————————————– हिंदी ग़ज़ल ——————————– तेरी यादों का समंदर विशाल होता…

वरिष्ठ कवि डॉ ब्रम्हानन्द तिवारी “अवधूत” एक गीत…. बरखा ऋतु तुम बिन नहीं भाती हमें…

डॉ ब्रम्हानन्द तिवारी “अवधूत” मैनपुरी, उत्तर प्रदेश ————————————- ये घटा घनघोर तड़पाती हमें। बरखा ऋतु…

वरिष्ठ कवि जीके पिपिल की एक ग़ज़ल.. वही जिन्दगी वही जिन्दगी के समझौते हैं…

जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ——————————– गज़ल ——————— वही जिन्दगी वही जिन्दगी के समझौते हैं कभी…