Tuesday, October 14News That Matters

Tag: श्रीदेव ‘सुमन’

आंचलिकता को मजबूत करना ही श्रीदेव सुमन को सच्ची श्रद्धांजलि: बीर सिंह

आंचलिकता को मजबूत करना ही श्रीदेव सुमन को सच्ची श्रद्धांजलि: बीर सिंह

राष्ट्रीय
-अमर शहीद श्रीदेव सुमन के बलिदान दिवस पर टिहरी बांध विस्थापितो ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर पहाड़ के पहाड़ से प्रश्नों पर भी विमर्श किया गया। शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। अमर शहीद श्रीदेव सुमन के बलिदान दिवस पर टिहरी मूल विस्थापित संघर्ष समिति की ओर से सामुदायिक केंद्र टी एस्टेट बंजारावाला देहरादून में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। अमर शहीद श्रीदेव सुमन को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ ही पहाड़ की समस्याओं पर विमर्श किया गया। पहाड़ी प्रजा मंडल के अध्यक्ष बीर सिंह पवार ने कहा कि बलिदानी श्रीदेव सुमन को सच्ची श्रद्धांजलि होगी कि हम अपनी आंचलिकता को मजबूत करें। अपनी बोली, भाषा, सिनेमा व संस्कृति को निरंतर मजबूत करें। दूसरे शहरों में जाकर नौकरी करने के बजाय उत्तराखंड में ही रहकर स्वरोजगार को प्राथमिकता दें। समिति अध्यक्ष राजेंद्र सिंह असवाल ने श्रीदे...

पुण्यतिथि पर विशेष…कवि वीरेन्द्र डंगवाल “पार्थ” की काव्यांजलि… घनाक्षरी छंद…जन के सुमन तुम्हें शतश नमन

राष्ट्रीय
वीरेन्द्र डंगवाल "पार्थ" देहरादून, उत्तराखंड जन के सुमन तुम्हें शतश नमन जन्मा वीर योद्धा एक, दुख सहे थे अनेक अमर बलिदानी जी, श्रीदेव सुमन है पिता वैध हरिराम, जन्मभूमि जौल ग्राम तेजस्वी मां तारादेवी, शतश वंदन है जनता की पीड़ा सुनी, संघर्षों की राह चुनी मुक्ति अत्याचार से जी, दिलाने का मन है घूम घूम रियासत, लोगों को जाग्रत किया समर्पित कर दिया, जन को यौवन है।। राजशाही अत्याचार, ढोएंगे न लोग अब खत्म होगा टिहरी से, जन का दमन है महकेगा सुख के जी, कुसुमों से राज्य सारा सुखी समृद्ध जनता, सुमन सपन है क्रांति ज्वाला उठी जब, महल में हलचल देखो जननायक को, आ गया समन है कारिदों ने राजा के तो, डाल दिया का कारावास पड़ी हथकड़ी सेर, पैंतीस वजन है।। झुका नहीं वीर योद्धा, कारा की प्रताड़ना से विचारों में आज तक, गजब तपन है अधिकार जन को दो, चाहे मेरी जान ले लो अन्न जल त्याग...
पुण्यतिथि पर विशेष: श्रीदेव ‘सुमन’ ने 14 वर्ष की किशोरावस्था में ‘नमक सत्याग्रह’ में लिया था भाग

पुण्यतिथि पर विशेष: श्रीदेव ‘सुमन’ ने 14 वर्ष की किशोरावस्था में ‘नमक सत्याग्रह’ में लिया था भाग

राष्ट्रीय
सुशील बहुगुणा टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड --------------------------------- श्रीदेव ‘सुमन’ का जन्म उत्तराखंड के टिहरी जिले के बमुण्ड पट्टी के जौल गांव में 25 मई, 1916 को तारादेवी की गोद में हुआ था. इनके पिता  हरिराम बडोनी क्षेत्र के प्रसिद्ध वैद्य थे. प्रारम्भिक शिक्षा चम्बा और मिडिल तक की शिक्षा उन्होंने टिहरी से पाई. संवेदनशील हृदय होने के कारण वे ‘सुमन’ उपनाम से कवितायें लिखते थे. अपने गांव तथा टिहरी में उन्होंने राजा के कारिंदों द्वारा जनता पर किये जाने वाले अत्याचारों को देखा. 1930 में 14 वर्ष की किशोरावस्था में उन्होंने ‘नमक सत्याग्रह’ में भाग लिया. थाने में डंडो से पिटाई कर उन्हें 15 दिन के लिये जेल भेज दिया गया,पर इससे उनका उत्साह कम नहीं हुआ. अब तो जब भी जेल जाने का आह्वान होता, वे सदा अग्रिम पंक्ति में खड़े हो जाते. पढ़ाई पूरी कर वे हिन्दू नेशनल स्कूल, देहरादून में पढ़ाने...