
उत्तराखंड : 14वीं शताब्दी में बने शनि मंदिर की दीवार दरकी, सड़ने लगी चिनाई में इस्तेमाल लकड़ी
उत्तराखंड : 14वीं शताब्दी में बने शनि मंदिर की दीवार दरकी, सड़ने लगी चिनाई में इस्तेमाल लकड़ी
मां यमुना के मायके व शीतकालीन प्रवास खरशालीगांव स्थित पौराणिक शनि मंदिर खतरे में है। 14वीं शताब्दी में लकड़ी पत्थर से बने साढ़े चार मंजिला शनि मंदिर की दीवार चटकने के साथ चिनाई में प्रयुक्त लकड़ी सड़ने लग गई है। जिसके चलते मंदिर के क्षतिग्रस्त होने का खतरा बना हुआ है।
पिछले साल मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खरशालीगांव स्थित पौराणिक शनि मंदिर की बुनियाद को काफी नुकसान हुआ था। जिसे थोड़ा बहुत ठीक किया गया। लेकिन खतरा अब भी बरकरार है। गुजाखुंटी की पारंपरिक तकनीक से कट पत्थर और थुनेर की लकड़ियों के सड़ने से मंदिर के दीवारों के पत्थर खिसकने लगे हैं।
पारंपरिक भूकंप रोधी तकनीक से निर्मित यह मंदिर अब तक कई बड़े भूकंप के झटके झेल चुका है। लेकिन भूकंप से तो नहीं पर अब सरकारी सिस्टम की उपेक्षा के चलत...