उत्तराखंड : धामी सरकार ने विधानसभा में पेश किया संशोधन विधेयक, दूसरी संतान जुड़वा होने पर भी लड़ सकेंगे पंचायत चुनाव
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में वे व्यक्ति भी चुनाव लड़ सकेंगे, जिनकी पहली संतान है और दूसरी संतान जुड़वा हुई है। दूसरी जुड़वा संतान को एक इकाई माना जाएगा। पंचायती राज अधिनियम में इसके लिए संशोधन से संबंधित विधेयक सरकार ने मंगलवार को विधानसभा के बजट सत्र में सदन प्रस्तुत किया।
पंचायती राज अधिनियम में प्रविधान है कि जिस व्यक्ति की दो से अधिक जीवित संतान हैं, वह पंचायत चुनाव लडऩे के लिए पात्र नहीं होगा। ऐसे में वे लोग चुनाव नहीं लड़ पा रहे थे, जिनकी दूसरी संतान जुड़वा है। उनकी जीवित संतान की संख्या तीन हो रही थी। इसे देखते हुए यह मांग उठ रही थी कि जुड़वा संतान को भी एक इकाई माना जाए।
जनवरी में हुई राज्य मत्रिमंडल की बैठक में इसके लिए पंचायती राज अधिनियम में संशोधन के लिए विधेयक लाने पर मुहर लगी थी। मंगलवार को सरकार ने यह सदन में पेश किया। विधेयक में स्पष्ट किया है यदि किसी व्यक्ति की पहली ही संतान जुड़वा है और वे जीवित हैं तो इसकी संख्या दो गिनी जाएगी। पहले बच्चे के साथ दूसरी संतान जुड़वा होने पर ही चुनाव लडऩे की अनुमति मिल पाएगी।
हरिद्वार जिले में गंगा नदी के दाएं तट पर हरिपुरकलां से लेकर चंडीपुल और देहरादून जिले के ऋषिकेश क्षेत्र में ढालवाला ड्रेन से पशुलोक बैराज और पशुलोक बैराज से हरिपुर कलां तक के क्षेत्र को बाढ़ मैदान परिक्षेत्र के रूप अधिसूचित किया गया है। बीती आठ जनवरी को मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद यह अधिसूचना जारी की गई थीे। मंगलवार को इससे संबंधित विधेयक भी सदन में प्रस्तुत किया गया।
उत्तरांचल क्राइम न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट |