देहरादून में शहर से देहात तक महिलाओं के जिम्मे कानून व्यवस्था, सभी संभाल रहीं विभिन्न जिम्मेदारियां |
देहरादून में एसपी सिटी, एसपी देहात, एसपी क्राइम और दो सर्किलों में सीओ के पद पर महिलाएं तैनात हैं। इसके अलावा साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन और अन्य थानों में महिलाएं विभिन्न जिम्मेदारियों को संभाल रही हैं।
राजधानी देहरादून में पुलिस महकमा महिला सशक्तिकरण का बेजोड़ उदाहरण है। यहां पर शहर से लेकर गांव तक कानून व्यवस्था की कमान महिलाओं के हाथों में है। एसपी सिटी, एसपी देहात, एसपी क्राइम और दो सर्किलों में सीओ के पद पर महिलाएं तैनात हैं। इसके अलावा साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन और अन्य थानों में महिलाएं विभिन्न जिम्मेदारियों को संभाल रही हैं।
एसपी क्राइम विशाखा वर्ष 2018 बैच की अधिकारी हैं। तीन माह पहले ही यह जिम्मेदारी दी गई है। आईपीएस विशाखा मूलत: महाराष्ट्र के नासिक जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने बीएएमएस की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद वह प्रैक्टिस भी करने लगीं, लेकिन इसके बाद उन्होंने यूपीएससी में भविष्य तलाशने के लिए प्रयास किया। वर्ष 2018 में उनका चयन हुआ और आईपीएस बन गईं। आईपीएस विशाखा के पिता महाराष्ट्र के शिक्षा विभाग से रिटायर हैं।
सरिता डोभाल वर्ष 2005 की प्रांतीय पुलिस सेवा की अधिकारी हैं। उन्हें एसपी सिटी की जिम्मेदारी लगभग डेढ़ साल पहले मिली थी। सरिता डोभाल की ग्रेजुएशन डीएवी से हुई है। उन्होंने बीएससी गणित से की है। इसके बाद उन्होंने भविष्य संवारने के लिए सिविल सेवाओं को चुना। गहन तैयारियों के बाद उन्हें वर्ष 2005 में यह मुकाम हासिल हुआ। उत्तराखंड के पहले पीपीएस बैच में वह चुनी गईं। इससे पहले उन्होंने देहरादून में ही एसपी देहात, एसपी सीबीसीआईडी जैसे महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दी हैं।
तीन माह पहले कमलेश उपाध्याय को देहरादून का एसपी देहात बनाया गया था। इससे पहले उन्होंने हरिद्वार जनपद में एसपी सिटी और अन्य जनपदों में विभिन्न जिम्मेदारियों को संभाला है। कमलेश उपाध्याय भी उत्तराखंड के पहले पीपीएस बैच 2005 की अधिकारी हैं। वह मूल रूप से अल्मोड़ा की रहने वाली हैं। पिता सेवानिवृत्त जिला जज हैं। उपाध्याय ने नेट पास कर राजकीय डिग्री कॉलेज टिहरी में शिक्षण भी किया है। इसके बाद उन्होंने सिविल सेवाओं की ओर रूख किया और कामयाबी हासिल की।
उत्तराँचल क्राइम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |