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तबाही के मंजर के बीच आंसुओं का सैलाब, रोते परिजन बोले- हमारे अपनों के शव दिला दो और कुछ न चाहिए|

तबाही के मंजर के बीच आंसुओं का सैलाब, रोते परिजन बोले- हमारे अपनों के शव दिला दो और कुछ न चाहिए|

तबाही के मंजर के बीच आंसुओं का सैलाब, रोते परिजन बोले- हमारे अपनों के शव दिला दो और कुछ न चाहिए|

तबाही के मंजर के बीच आंसुओं का सैलाब, रोते परिजन बोले- हमारे अपनों के शव दिला दो और कुछ न चाहिए|

अतिवृष्टि से मालदेवता क्षेत्र में आया सैलाब भले ही कम हो गया हो, लेकिन स्थानीय लोगों के दिन-रात अब भी डर के साये में बीत रहे हैं। क्षेत्र में चारों ओर तबाही के मंजर बीच प्रभावितों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। लोगों को डर है कि अतिवृष्टि से जिस तरह नदियों में पानी है और पहाड़, सड़क, संपर्क मार्ग टूट चुके हैं, फिर तेज बारिश हुई तो संकट आ सकता है।

वहीं राहत और बचाव कार्यों में ढिलाई का आरोप लगाते हुए सरखेत और आसपास के ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन के प्रति आक्रोश व्यक्त किया। लोगों ने रविवार दोपहर सरखेत में पहुंचे एडीएम केके मिश्र और सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान का घेराव किया। अधिकारियों ने राहत और बचाव के लिए हर संभव प्रयास करने की बात कही। साथ ही लोगों को समझा बुझाकर किसी तरह शांत कराया। लोगों ने कहा कि उन्हें कुछ नहीं चाहिए बस उनके अपनों के शव ही दिला दीजिए।

जैंत्वाड़ी जिला टिहरी के हरिसिंह पंवार, रमेश राणा, दानसिंह और सरोप सिंह ने बताया कि सरखेत में उनके रिश्तेदार रहते हैं। वह किसी तरह रस्सियों के सहारे सरखेत पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि तीन दिन से प्रशासन पोकलैन मशीन की व्यवस्था तक नहीं करा पाया है। लोग अपनों को खोने के गम में हैं और प्रशासन की व्यवस्थाएं नाकाफी दिख रही हैं।

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उनका कहना था कि हमें हमारे लोगों के शव ही दिला दीजिए। ताकि उनका सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया जा सके। यहां तक कि पीने के पानी और भोजन की भी दिक्कत हो रही है। एडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट ने जल्द सभी संभव व्यवस्थाएं करने का आश्वासन दिया।

तबाही के मंजर के बीच आंसुओं का सैलाब, रोते परिजन बोले- हमारे अपनों के शव दिला दो और कुछ न चाहिए|
तबाही के मंजर के बीच आंसुओं का सैलाब, रोते परिजन बोले- हमारे अपनों के शव दिला दो और कुछ न चाहिए|

सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान ने संपर्क करने पर बताया कि मौके पर पोकलैन मशीन शाम साढ़े सात बजे तक पहुंच गई और उससे जहां मकान था वहां खुदाई भी शुरू हो गई है। सोमवार को एक और पोकलैन मशीन की व्यवस्था कर दी जाएगी। इसके अलावा रविवार दोपहर को ही भोजन और पानी की पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध करा दी गई है।
सरखेत निवासी करन सिंह कोटनाला और गोविंद सिंह बताते हैं कि घटना की रात पूरे घर में पानी भर गया था। खाने-पीने का सामान और बिस्तर-कपड़े खराब हो गए। तीन बीघा जमीन बह गई। पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है। समीप ही नदी की लहरें तेज आवाज और मिट्टी मिले पानी के साथ बह रही है। इससे डर लगा हुआ है कि कहीं फिर से आपदा न आ जाए।
भैंसवाड़ गांव के सरोप सिंह चौहान कहते हैं कि उनकी गोशाला दब गई है। पास का एक मकान भी मलबे में दफन हो गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएमजीएसवाई से बनने वाली सड़क के ठेकेदार ने मलबा उनके घरों की तरफ डाला है। इससे आपदा में उनके घर की तरफ भी मलबा आ गया। अब भी भूस्खलन और मलबा आने का खतरा है। डिफेंस कॉलोनी निवासी शेखर शर्मा क्षेत्र में भोजन और राहत कार्यों के लिए गए थे। जो पत्थर लगने से चोटिल हो गए।
एसडीआरएफ ने रायपुर क्षेत्र के बड़ासी पुल के नीचे से एक व्यक्ति का शव बरामद कर किया है। व्यक्ति की पहचान रायपुर के भगत सिंह कॉलोनी निवासी संजय कुमार (42) के रूप में हुई है। संजय शनिवार को स्कूटी लेकर निकले थे और तभी से लापता थे।
उत्तराँचल क्राइम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |

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