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सीएम धामी ने बड़े बेटे का कराया यज्ञोपवीत संस्कार, तीर्थपुरोहितों के पास वंशावली में दर्ज कराया नाम |

सीएम धामी ने बड़े बेटे का कराया यज्ञोपवीत संस्कार, तीर्थपुरोहितों के पास वंशावली में दर्ज कराया नाम |

सीएम धामी ने बड़े बेटे का कराया यज्ञोपवीत संस्कार, तीर्थपुरोहितों के पास वंशावली में दर्ज कराया नाम |

सीएम धामी ने बड़े बेटे का कराया यज्ञोपवीत संस्कार, तीर्थपुरोहितों के पास वंशावली में दर्ज कराया नाम |

हरिद्वार गंगा तट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने बेटे का यज्ञोपवीत संस्कार कराया। साथ ही तीर्थ पुरोहित के पास अपनी बही वंशावली में नाम लिखवाया। हिंदू धर्म में कुल 16 संस्कार हैं, जिनमें से यज्ञोपवीत संस्कार विशेष महत्व रखता है। इसे उपनयन संस्कार भी कहते हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने ज्येष्ठ बेटे दिवाकर सिंह धामी का यज्ञोपवीत संस्कार कराया। सीएम के साथ उनकी पत्नी सहित परिवार के लोग मौजूद रहे। इस दौरान सीएम ने अपने तीर्थ पुरोहित के पास अपनी बही वंशावली में नाम लिखवाया।

हरिद्वार पवित्र गंगा तट पर यज्ञोपवीत संस्कार संपन्न कराया। हिंदू धर्म में कुल 16 संस्कार हैं जिनमें से यज्ञोपवीत संस्कार विशेष महत्व रखता है। इसे उपनयन संस्कार भी कहते हैं। यह एक धागा नहीं है बल्कि इसके साथ विशेष मान्यताएं भी जुड़ी हैं। जनेऊ धारण करने के बाद व्यक्ति को अपने जीवन में नियमों का पालन करना पड़ता है। उसे अपनी दैनिक जीवन के कार्यों को भी जनेऊ को ध्यान में रखते हुए ही करना होता है।

बालक की 8 वर्ष की आयु होने पर यज्ञोपवीत संस्कार कराया जा सकता है, लेकिन आज के समय में बदली जीवनशैली के कारण बचपन में यज्ञोपवीत संस्कार नहीं कराया जाता है। अब विवाह के दौरान यज्ञोपवीत संस्कार करने का चलन है। सनातन धर्म में आज भी बिना जनेऊ संस्कार के विवाह पूर्ण नहीं माना जाता है।

उत्तरांचल क्राईम न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |

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